हवन एवं यज्ञ से कोरोना संकट एवं वायु प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण शुद्ध होता है
Sahibganj News : वर्चुअल माध्यम से एक हवन कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को किया गया तथा स्वामी यज्ञदेव महाराज जी के द्वारा यज्ञ दिवस को मनाने के पीछे के उद्देश्य और आज के परिपेक्ष में यज्ञ से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
इस ऑनलाइन यज्ञ आयोजन में साहिबगंज जिले से भूवैज्ञानिक, पर्यावरणविद व एनएसएस नोडल ऑफीसर डॉ. रणजीत सिंह ने भी अपनी बातों को रख कर झारखंड के परिपेक्ष में जल, जंगल, जमीन, पेड़ -पहाड़, पर्यावरण, प्रकृति के बारे में बताते हुए कहा की आज जिस तरह से रक्त बिक रहा है, जल बिक रहा है, अब हवाएं भी बिकने लगी हैं।
अब अगर हम नहीं संभले तो आने वाले समय में हमारे लिए व अपने आने वाले पीढ़ी के लिए बहुत घातक सिद्ध होगा। विकास विनाश के बूते नहीं होना चाहिए। बल्कि विकास, प्रकृति, पर्यावरण, पहाड़, पेड़ -पौधे, जैव - विविधता आधारित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना से अधिक आज विश्व में सत्तर लाख लोग प्रतिवर्ष ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण असंतुलन के कारण मर रहे हैं। 40% नदियां सूख गई है, भूगर्भीय जल का स्तर दिन- प्रतिदिन बेतहासा घट रहा है।
बहुत सारे जीव - जन्तु, पक्षी की प्रजातियां विलुप्त हो गई है, और कई प्रजातियां विलुप्ति की खतरनाक कगार पर पहुंच गया है। इलेक्ट्रिक उपकरण के रेडिटेशन से बच्चों व पक्षियों पर खासा असर पड़ रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि मानव सृष्टि व जीव संरक्षण के लिए संतुलित पर्यावरण, प्रकृति - वातावरण, व जलवायु, शुद्ध हवा आवश्यक है। भोजन - पानी के बिना हम कुछ दिन जीवित तो रह सकते हैं, परंतु हवा के बिना हम दो मिनट भी जीवित नहीं रह सकते। अतः शुद्ध हवा के लिए यज्ञ आहूत करना लाभकारी है।
उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित किया गया है की हवन यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है। माइक्रो बैक्टीरिया इससे खत्म होते हैं, और इसमें जलने वाली लकड़िया अधिक ऑक्सीजन देता है, और हवन में जो गाय के घी का उपयोग होता है उससे भी चार गुना से अधिक ऑक्सीजन की मात्रा वातावरण में बढ़ाता है।
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