निष्पक्ष पत्रकारिता ही लोकतंत्र की मजबूती है : शाहबाज आलम


समाज में पत्रकारों का कोई इज्जत नहीं रह गया है आज लोग कुछ गलत पत्रकारों के कारण पत्रकारिता को एक गलत नजर से देखते हैं। पत्रकारों का नाम आते ही मन में घृणा पैदा हो रहा है।

nishpaksh patrakarita hi loktantr ki majabuti hai

जहा पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना  है, एक पत्रकार लोगों के विचारों को प्रभावित करने या परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन यहां यह भी ध्यान रखना है कि निष्पक्ष पत्रकारिता ही लोकतंत्र की मजबूती है।

आज सरकार के चौथे स्तंभ स्वतंत्र नहीं है उनकी स्वतंत्रता छीन ली गई है कोई खबर प्रकाशित से पहले ही उन्हें प्रताड़ित कर रोक लगा दी जाती है लेकिन कहीं ना कहीं आज भी समाज मे ऐसे निष्पक्ष स्वतंत्र पत्रकार जनता के बीच जिंदा है।

लोगो के समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं जहां हर साल तीन मई को अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है।

क्यों मनाया जाता है यह दिन

अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस हर साल 3 मई को मनाया जाता है पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस यानी पत्रकारो की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।



इसलिए दुनियाभर की सरकारों को पत्रकारिता से जुड़े लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए।  लेकिन आज पत्रकार सुरक्षित नहीं है पत्रकारों के साथ आए दिन अप्रिय घटना अभद्र व्यवहार गाली गलौज मारपीट आम बात हो गई है सरकार को चाहिए कि पत्रकारों के लिए सुरक्षा प्रदान करें।

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