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भारत की संस्कृति बसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है : अतुल भाई कोठारी


साहिबगंज : सरला - बिरला विश्वविद्यालय रांची, झारखंड प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय रांची, एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास झारखंड के संयुक्त तत्वाधान में पर्यावरण भारतीय अवधारणा एवं वर्तमान परिदृश्य पर आभासी माध्यम से राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया।

भारत की संस्कृति बसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है : अतुल भाई कोठारी

जहाँ मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली, के राष्ट्रीय सचिव अतुल भाई कोठारी ने बताया कि भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित है।

भूमि, जल, हवा के साथ-साथ आकाश भी प्रदूषित हो गया है। ओजोन लेयर में छिद्र होने के कारण अत्यधिक गर्मी हो रही है। इंटरनेट के कारण भी वातावरण प्रदूषित हो गया है।

सौंदर्य प्रसाधनों के कारण 130 प्रजातियां समाप्त हो गई है एवं 240 प्रजातियां समाप्त होने के कगार पर है। हम भौतिकता के दौर में काफी आगे निकल गए हैं।


मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र, कुलपति झारखंड प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, रांची ने बताया कि वर्तमान समय में पर्यावरण सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। चमड़ा उद्योग एवं कॉस्मेटिक उद्योग से सबसे अधिक कचरा उत्पन्न होता है।

मांसाहार पर नियंत्रण कर हम पर्यावरण संरक्षण कर सकते हैं। Chemicals, Pesticides, Fertilizers का अंधाधुंध उपयोग भी पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है। उन्होंने बताया कि हमें सनातन संस्कृति की ओर लौटना होगा।

राष्ट्रीय परिसंवाद में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सविता सेंगर, कुलपति, झारखंड राय विश्वविद्यालय,रांची ने पर्यावरण पर अपने विचारों को रखा।


परिसंवाद की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर गोपाल पाठक, कुलपति, सरला बिरला विश्वविद्यालय, रांची ने किया। परिसंवाद में अमरकांत झा, प्रदेश संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, झारखंड, प्रोफेसर गोपाल सहाय,

प्रदेश अध्यक्ष शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, डॉ. कविता परमार, पर्यावरण प्रमुख, सहसंयोजक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, झारखंड, प्रोफ़ेसर विजय कुमार सिंह,  महेंद्र सिंह उपस्थित थे।

साहिबगंज से राष्ट्रीय परिसंवाद में राम अवतार साहू, साहिबगंज विभाग निरीक्षक, डॉ. मृदुला सिन्हा, पूर्व प्राचार्य, साहिबगंज महाविद्यालय साहिबगंज, डॉ. .विजय कुमार,


डॉ ध्रुव ज्योति सिंह, प्रोफेसर प्रमोद कुमार, प्रोफेसर सुबोध कुमार झा, प्रोफेसर कमल महावर, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य डॉ. शैलेश मिश्र, अजीत कुमार मालवीय,  प्रमोद पांडे एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जिला संयोजक अमित कुमार उपस्थित थे।

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