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हिंदी दिवस विशेष : हिंदी का महत्व | रचना - खुशीलाल पंडित


हिंदी का महत्व

हिंदी दिवस विशेष : हिंदी का महत्व | रचना - खुशीलाल पंडित


भाषा नहीं विचार है हिंदी,

भारत का आधार है हिंदी।

राष्ट्रभाषा की निशान है हिंदी,

हर भारतीयों की पहचान है हिंदी।


छोड़ विदेशी भाषा को,

 हिंदी भाषा को अपनाया था,

1977 के दशक में यूएन में ,

भारत का परचम लहराया था।


अटल ने अपने भाषण से पहली बार,

 यूएन में हिंदी की गूंज सुनाया था।


 लगभग दुनिया के हर देश में आज,

भारतीयों का है निवास।

जिसके कारण हिंदी भाषा का,

दुनिया में हो रहा समग्र विकास।


हिंदी के विकास में,

भारतेंदु हरिश्चंद्र का था कठिन प्रयास,

 जिनके कारण भारतेंदु को,

 हिंदी का पितामह हम बुलाते आज।


 इतिहासों में भी हिंदी से,

 बड़े पुराने नाते थे।

मीरा, कबीर ,निराला सब ,

हिंदी के ही गुण गाते थे।


तन में हिंदी मन में हिंदी,

 इस मिट्टी के कण - कण में हिंदी।


भारत का इतिहास है हिंदी,

मातृभाषा की आस है हिंदी।


हिंदी है दुनिया में खास ,

बोली इसकी है मिठास।

अनेकता में एकता की आस,

 हिंदी पर है सबको विश्वास।


आज छोड़ हिन्दी भाषा को ,

विदेशी भाषा बोले जा रहे हैं।

हिंदी के महत्व को हम ,

खुद से ही मिटा रहे हैं।


तो छोड़ो विदेशी भाषाओं को,

मातृभाषा का सम्मान करो ।

सब मिलकर हिंदी भाषा का,

अब दुनिया में ऊंचा नाम करो।


  स्वरचित कविता

✍️खुशीलाल पंडित
    साहिबगंज महाविद्यालय साहिबगंज

khusilal pandit

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