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"आजादी का अमृत महोत्सव" : "उज्जवल भारत उज्ज्वल भविष्य पॉवर @ 2047" : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया संबोधित


साहिबगंज :-आजादी का अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में भारत की आजादी के 75 वर्ष मनाने के लिए विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्र तथा राज्य सरकारों के सहयोग और सक्रिय जन भागीदारी के माध्यम से ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य - पावर @ 2047’ के अंतर्गत देश के सभी जिलों में 'बिजली महोत्सव' का आयोजन हो रहा है।

"आजादी का अमृत महोत्सव" : "उज्जवल भारत उज्ज्वल भविष्य पॉवर @ 2047" : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया संबोधित

बिजली महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पिछले 8 वर्षों में विद्युत क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाया जा रहा है और बिजली महोत्सव की शुरुआत 25 जुलाई 2022 को देश के अलग - अलग जिलों में एक साथ की गई थी। इसके अंतर्गत पिछले कुछ दिनों में जिला प्रशासन के सहयोग से जिला स्तर पर 1500 से अधिक कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग जगहों पर कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्य मंत्री, विधायक तथा गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

‘उज्ज्वल भारत, उज्ज्वल भविष्य’ का भव्य समापन 30 जुलाई 2022 को एक राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 100 से अधिक जिलों के प्रतिभागियों और लाभार्थियों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस कार्यक्रम में 11 राज्यों के मुख्यमंत्री, 5 केंद्रीय मंत्री, 3 उप मुख्यमंत्री, 3 उप राज्यपाल, 27 राज्य मंत्री और 81 अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत सरकार द्वारा शुरू की गई बिजली क्षेत्र की विभिन्न स्कीमों से लाभान्वित 5 जिलों के लाभार्थियों से संवाद भी किया।

    इसी संदर्भ में जिला स्तरीय बिजली महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित संवाद कार्यक्रम को एनआईसी कक्ष एवं समाहरणालय स्थित सभागार में आयोजित किया गया।जिले के एनआईसी कक्ष में उपायुक्त रामनिवास यादव, विधायक राजमहल अनंत ओझा, डीवीसी के जिला कोऑर्डिनेटर पीपी साह, जिला परिषद की अध्यक्ष मोनिका किस्कू एवं जिला स्तरीय लाभुकों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।

संवाद कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने देश के कई जिलों की लाभुकों से बात किया एवं इन 8 वर्षों में बिजली के क्षेत्र में हुई उन्नन्ति के विषय में उनसे उनके अनुभव पूछे। कई लाभुकों ने बताया कि अब उनके गांव में बिजली की समस्या दूर हो गई है। कईयों ने बताया कि सोलर के माध्यम से उन्हें कई सुविधाएं मिली और अब वह अपना बिजली उत्पादन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका 2047 तक हर घर हर गांव में बिजली की पहुंच बिजली के क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा देना, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे विकल्पों पर कार्य करना ही सरकार का उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत 25 से 30 जुलाई तक 'उज्ज्वल भारत उज्जवल भविष्य- पावर @2047' का आयोजन किया जा रहा है। देश भर में आयोजित, इस कार्यक्रम में पिछले आठ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की बिजली संबंधी विभिन्न पहलों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है।


कार्यक्रम के तहत हुआ शिलान्यास उद्घाटन एवं रखी गई आधारशिला


कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने विद्युत मंत्रालय की फ्लैगशिप पुनरुत्थान वितरण क्षेत्र स्कीम का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य वितरण कंपनियों की प्रचालन दक्षता एवं वित्तीय क्षमता को बेहतर बनाना है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच वर्षों में 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, इस स्कीम का उद्देश्य बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए बिजली कंपनियों को वित्तीय सहायता देना है, जिसका लक्ष्य उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस स्कीम में उपभोक्ताओं के लिए 25 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर का भी प्रावधान किया गया है। 

प्रधानमंत्री ने रूफटॉप सोलर के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल का शुभारंभ भी किया, जिसमें आवेदन के पंजीकरण से लेकर रूफटॉप सोलर प्लांट्स की स्थापना और इसके सफल निरीक्षण के बाद घरेलू उपभोक्ताओं ('लाभार्थियों') के बैंक खाते में सब्सिडी राशि जारी होने तक पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था है। राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप कार्यक्रम की अनुमानित क्षमता 4000 मेगावाट है। यह देश में सोलर रूफटॉप क्षमता की प्राप्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो COP-26 में गैर - जीवाश्म ईंधन के माध्यम से 500 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होगा।

 प्रधानमंत्री ने 2 फ्लोटिंग सोलर ऊर्जा परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया, जिसमें तेलंगाना में 100 मेगावाट का रामागुंडम और केरल में पानी के ऊपर तैरते 7.5 लाख से अधिक 'मेड इन इंडिया' सोलर मॉड्यूल के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा 92 मेगावाट का कायमकुलम फ्लोटिंग सोलर प्लांट शामिल है। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने एनटीपीसी की तीन प्रमुख स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया, जिसमें राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सोलर परियोजना, लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना और गुजरात के कवास में प्राकृतिक गैस के साथ हीलियम सम्मिश्रण परियोजना शामिल है। 

ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट में भारत में पहली बार सार्वजनिक उपयोग के लिए फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FCEV) का प्रयोग किया गया है। इन सभी 5 परियोजनाओं की अनुमानित लागत 5000 करोड़ रुपये है।

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