सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया महर्षि वेदव्यास जयंती सह गुरु पूर्णिमा उत्सव
कोषाध्यक्ष अंकित श्रॉफ एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य रामदेव राम ने सरस्वती माता, भारत माता, ओंकार एवं महर्षि वेदव्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। तत्पश्चात ज्योति मिश्रा ने सरस्वती वंदना, ओमकार का पाठ, गायत्री मंत्र का पाठ, भारत माता की स्तुति एवं शांति पाठ किया।
जयंती समारोह को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य रामदेव राम ने बताया कि वेदव्यास ईश्वर के अंशावतार माने जाते हैं। पौराणिक महाकाव्य युग की महान विभूति, महाभारत, 18 पुराण, श्रीमद्भागवत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा जैसे अद्वितीय साहित्य दर्शन के प्रणेता
वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ईशा पूर्व हुआ था। गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट करने की परंपरा रही है। शशि जाजोदिया एवं अंकित श्रॉफ ने भी वेदव्यास जयंती पर अपने विचार प्रकट किए। विद्यालय के आचार्य रंजीत ठाकुर एवं पूजा सिंह ने भी वेदव्यास पर अपनी बातों को रखा।
गुरु पूर्णिमा के पवन अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य एवं कर्मचारियों को स्थानीय समिति के सदस्यों ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। वहीं विद्यालय की बहनों ने मनमोहक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किए। जयंती समारोह का मंच संचालन क्रिस्टीना मुर्मू एवं धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार ने किया।
शांति पाठ किरण गुप्ता ने किया। जयंती समारोह में विद्यालय के आचार्य दिलीप पासवान, राघव वत्स, अजय कुमार साह, दीपक पंडित, अजीत मालवीय, संजय पोद्दार, सुनील पंडित, अर्चना वर्मा, निर्मला कुमारी, सारिका कुमारी, लिपिका राज सिंह, स्नेहा भारद्वाज, कर्मचारियों में दिनेश राम, मिथुन पासवान, पाटुल मंडल, सोनू यादव, अनीता देवी एवं विद्यालय के सारे भैया/बहन उपस्थित थे।
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