साहिबगंज के महाराजपुर में बाढ़ ने छठ महापर्व पर व्रती महिलाओं की बढ़ाई मुश्किलें : हिंदू धर्म रक्षा मंच के कार्यकर्ता कर रहे हैं घाट की सफाई
साहिबगंज :-- साहिबगंज के कई पंचायतों के दर्जनों गांवों में बाढ़ के पानी ने छठ पूजा करने वाली व्रतियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया हैं।
व्रतियों को घाटों पर वेदियों के आस-पास कीचड़ आदि की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी ज्यादा होने से घाट पर बेदी बनाने में भी मुश्किलें हो रही हैं। महाराजपुर के ग्रामीण घाटों में भी नदी के किनारे का हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इस बार घर में ही छठ मनाने की बात कह रहे हैं।
बता दें कि साहिबगंज व राजमहल में गंगा का जलस्तर घटा तो है, लेकिन अभी भी बाढ़ के पानी से घाट डूबे हुए हैं।
महाराजपुर स्थित घाट भी इस बार बाढ़ के पानी से डूबा है। बाढ़ के पानी का घटने का सिलसिला शुरू होने के बाद भी घाट ऊपर तक डूबी हैं। जिससे समतल स्थानों पर मिट्टी और कीचड़ हो गया है। पिछले वर्ष लोगों ने घाट से नीचे उतरने के बाद मिट्टी में नदी के तट से सटे वेदियां तैयार की थी। इससे व्रती महिलाओं को नदी के पानी में उतर कर अर्घ्य देने में भी सुविधा मिल रही थी। इस बार गहराई तक पानी होने और अपशिष्ट पदार्थों के आने से घाट पर वेदियां बनाने के लिए आने वाली महिलाओं को निराशा का सामना करना पड़ रहा है।
महाराजपुर के नया टोला के रहने वाले हिंदू धर्म रक्षा मंच के प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो का परिवार सहित सैकड़ों परिवार कई वर्षों से छठ मैया का व्रत करते हैं। वहीं प्रदेश महासचिव ने बताया कि इस बार बाढ़ का पानी, कूड़ा - कचड़ा और गाद - मलवे से यहां का घाट - खराब हो गया है।
जिसे बनाने में मंच के कार्यकर्ताओं को काफी मुश्किल हो रही है, लेकिन वह कहते हैं कि छठ मैया सब ठीक कर देंगी। उनके आशीर्वाद से थोड़ी जगह में भी सभी का व्रत पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हर साल छठ महापर्व पर महिलाएं बेदियां बनाकर सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत को शुरू करती हैं। वहीं उगते हुए सूरज को भी अर्घ्य देने के बाद व्रत पूर्ण करती हैं। अब तक यहां पर महिला और पुरुष बेदी बनाने के लिए जुटने लगते थे, लेकिन इस बार यहां पर बाढ़ का कचड़ा और मलवा भरा हुआ है।
घाट की सफाई में प्रशासनिक सहयोग की भूमिका के सवाल के जवाब में बजरंगी महतो ने कहा कि घाट की साफ - सफाई के लिए न विधायक, न सांसद, न नमामि गंगे का कोई सदस्य और न ही कोई सफाई कर्मचारी ही यहां पहुंचा है। हिंदू धर्म रक्षा मंच के कार्यकर्ता ही घाट की साफ - सफाई में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी का पानी अभी भी बढ़ा हुआ है, लेकिन वे लोग 29 अक्टूबर तक साफ-सफाई और तैयारी पूरी कर लेंगे। जो काम बचेगा उसे 30 अक्टूबर को पूरा किया जाएगा।उन्होंने बताया कि नदी का पानी अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है।उम्मीद है कि पानी इस दौरान कम होगा।
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