एक्सक्लूसिव रिपोर्ट : विश्व प्रसिद्ध सारंडा वन से गायब हो रहे हैं गजराज, चौंका देने वाला तथ्य आया सामने, अब बचे हैं मात्र इतने हाथी
चाईबासा :- विश्व प्रसिद्ध सारंडा वन में पहले मदमस्त हाथियों का झुंड विचरण करते देखा जाता था,
लेकिन अब यह जानकर आश्चर्य होगा कि सारंडा के जंगल में हाथियों की संख्या में तेजी से कमी आती जा रही है। गजराजों और साल वृक्षों की बहुतायत के कारण सारंडा जंगल विश्व के मानचित्र पर विशेष रुप से नजर आता था।वर्तमान में साल वृक्ष तो यहां मौजूद हैं, लेकिन यहां गजराज की संख्या दिनों दिन कम होती चली गई। वर्तमान समय में यहां हाथियों के मामले में चौंका देने वाला तथ्य सामने आया है।
संपूर्ण सारंडा वन क्षेत्र में वर्ष 2017 की गणना के अनुसार मात्र 86 हाथी ही बचे हैं। हालांकि 1993 से भारत सरकार के वन मंत्रालय ने यह प्रयास जारी रखा था। एलीफेंट प्रोजेक्ट के माध्यम से गजराजों की संख्या में कमी न हो, इस बात का खास ध्यान रखा गया, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
90 के दशक में जहां सारंडा वन क्षेत्र में 500 से अधिक हाथी निवास करते थे। वहीं, वर्ष 2007 के बाद जो आंकड़ा सामने आया है, चौंकाने वाला है। वर्ष 2005 में हाथियों की कुल संख्या 131 रही। 2007 में 124, 2010 में हाथियों की संख्या 139, वर्ष 2012 में यह संख्या बढ़कर 154 पहुंची, लेकिन पांच साल के अंतराल में इस संख्या में बड़ा ह्रास हुआ है।
सारंडा जंगल में हाथियों की कुल संख्या वर्तमान तक केवल 86 ही रह गई है। एलीफेंट प्रोजेक्ट द्वारा हाथियों के बचाने की कवायद की जा रही है। वह कहीं न कहीं यहां कमजोर दिखलाई पड़ा है।
राज्य सरकार का वन विभाग हाथियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत तो है, लेकिन इस दिशा में संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि सारंडा के जंगलों से गजराज विलुप्त हो जाए।
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