"सिनेमा की बातें" डिंपल व लिरिल गर्ल प्रीति जिंटा
मनोरंजन
डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा 90 के दशक में बॉलीवुड की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक हैं
हिमाचल प्रदेश की प्रीति जिंटा ने अपनी चुलबुली अदाओं से दर्शकों को 2 दशकों तक दीवाना बनाए रखा। प्रीति जिंटा का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला में 31 जनवरी 1975 को हुआ था। प्रीति जिंटा ने विज्ञापन फिल्मों से अपने कैरियर की शुरूआत की थी और दर्जनों विज्ञापनों में नजर आईं।
लिरिल गर्ल के नाम से मशहूर प्रीति जिंटा ने अपना फिल्मी सफर 1998 में प्रदर्शित मणिरत्नम की फिल्म "दिल से" से किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर की ओर से सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था। 1998 में ही प्रीति जिंटा की एक और फिल्म "सोल्जर" सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में प्रीति जिंटा के ऑपोजिट बॉबी देओल थे।
सस्पेंस और थ्रिलर पर आधारित इस फिल्म में दर्शकों ने प्रीति जिंटा बॉबी की जोड़ी को काफी पसंद किया था। फिल्म काफी सुपर हिट साबित हुई, फिल्मकार कुंदन शाह की "क्या कहना" की रिलीज़ 2000 तक टाल दी गई थी। एक अन्य फ़िल्म सोल्जर में देरी के कारण उनकी पहली रिलीज़ फ़िल्म "दिल से" (1998) बन गई, जो शाहरुख खान और मनीषा कोइराला के साथ थी।
इस फ़िल्म को नए कलाकार को लॉन्च करने के हेतू बेहद अपारंपरिक माना गया, क्योंकि इसमें प्रीति जिंटा का रोल केवल 20 मिनट के लिए ही पर्दे पर था। इसके बावजूद उनका किरदार लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा। अपने इस पात्र के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री पुरस्कार का नामांकन प्राप्त हुआ।
इसके बाद प्रीति ज़िंटा ने दो तेलगू फ़िल्मों में भी काम किया, उन्होंने संघर्ष में अक्षय कुमार के साथ मुख्य किरदार अदा किया। यह फ़िल्म द साइलेंस ऑफ़ द लैम्ब्स (1991) पर आधारित थी व इसका निर्देशन तनूजा चंद्रा द्वारा व लेखन महेश भट्ट द्वारा किया गया था। ज़िंटा ने इसमें सीबीआई अफसर रीत ओबेरॉय की भूमिका निभाई थी, जो एक हत्यारे से प्यार कर बैठती है।
यह फ़िल्म असफल रही, परन्तु जिंटा के अभिनय को समीक्षकों द्वारा काफ़ी तारीफ किया गया। प्रिटी ज़िंटा की 2000 में पहली ड्रामा फ़िल्म "क्या कहना" में कुँवारी माँ व युवा गर्भधारण जैसी समस्याओं पर प्रकाश डाला गया था और इसके चलते प्रिटी ज़िंटा को जनता व समीक्षकों द्वारा काफी पसंद किया गया। उनकी कुँवारी माँ प्रिया बक्षी का पात्र, जो सामाजिक मान्यताओं का मुकाबला करती है, ने उन्हें कई पुरस्कारों के नामांकन प्राप्त करवाए,
जिनमें उनका पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार नामांकन शामिल है।उसी वर्ष ज़िंटा विधु विनोद चोपडा की फ़िल्म मिशन कश्मीर में संजय दत्त व ऋतिक रोशन के साथ नज़र आई। कश्मीर की वादियों में भारत - पाकिस्तान युद्ध के दौरान रची यह फ़िल्म आतंकवाद और जुर्म के विषय पर आधारित थी। प्रिटी ज़िंटा का किरदार सुफिया परवेज़, एक टेलिविज़न रिपोर्टर व रोशन के बचपन के प्यार का था।
इस फ़िल्म को भी काफी सफलता मिली, उस वर्ष की भारत की तीसरी सबसे सुपर डुपर फ़िल्म रही। इसी तरह 2001 में प्रिटी ज़िंटा को फरहान अख्तर की राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता फ़िल्म "दिल चाहता है" में अपनी भूमिका के लिए बेहद सराहा गया। ये फिल्म भारतीय युवाओं के जीवन पर आधारित थी व इसका केन्द्र तीन मित्रों (आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय खन्ना) के जीवन में हुए एक बड़े बदलाव पर था। प्रीति जिंटा का पात्र आमिर खान की प्रेयसी शालिनी का था।
"दिल चाहता है" भारतीय युवाओं के वास्तविक चित्रण का बढ़िया उदाहरण है। यह फ़िल्म भारत में अधिक सफल नहीं रही।2001 में ज़िंटा की तीन अन्य फ़िल्में रिलीज़ हुई, जिनमे अब्बास-मस्तान की रोमांस ड्रामा "चोरी चोरी चुपके चुपके" एक वर्ष देर से रिलीज़ किया गया, शामिल है। इस फिल्म ने विवादस्पद किराए प्रसव के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया। ज़िंटा ने मधुबाला की भूमिका अदा की, जो एक अच्छे दिल की वैश्या है, जिसे एक माँ बनने के लिए किराए पर रखा जाता है।
शुरुआत में यह किरदार अदा करने के लिए तैयार न होने के बावजूद उन्होंने निर्देशक के मानाने पर इसे स्वीकार कर लिया और पात्र की तैयारी के लिए मुंबई के कई बारों और नाइटक्लबों में गई व वेश्याओं के हाव- भाव व भाषा को समझा। उन्हें अपनी भूमिका के लिए दूसरी बार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री पुरस्कार का नामांकन प्राप्त हुआ। 2002 में ज़िंटा ने एक बार फिर कुंदन शाह के साथ कार्य करते हुए पारिवारिक ड्रामा फ़िल्म "दिल है तुम्हारा" में रेखा, महिमा चौधरी और अर्जुन रामपाल के साथ नज़र आई।
हालाँकि फ़िल्म बॉक्स - ऑफिस पर सफल नहीं रही, परन्तु उनके द्वारा अभिनीत गोद ली गई बेटी शालू का पात्र बेहद सराहा गया। प्रीति जिंटा हिंदी के अलावा पंजाबी, अंग्रेजी, तेलुगू सहित अन्य भाषाओं में भी अभिनय कर चुकी हैं। 2003 में आई फिल्म "कल हो ना हो" में प्रीति जिंटा शाहरुख खान के साथ फिल्म की। 2003 में ही रितिक रोशन के साथ "कोई मिल गया" फिल्म सुपर हिट हुई।
2005 में "खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे" और "सलाम नमस्ते" फिल्म रिलीज हुई, जिसे औसत सफलता मिली। 2006 में आई फिल्म "कभी अलविदा ना कहना" करण जौहर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रीति जिंटा के साथ शाहरुख खान, रानी मुखर्जी, अभिषेक बच्चन थे। फिल्म के गाने को दर्शकों ने काफी पसंद किया। 2006 में ही "जानेमन" फिल्म भी रिलीज हुई। प्रीति जिंटा 2014 में "हैप्पी एंडिंग" फिल्म में अंतिम बार नजर आईं।
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