बीटेक करके बेच रही हैं पानीपूरी, बुलेट के पीछे लगाती हैं स्टॉल, हेल्थ का रखती हैं विशेष ख्याल
हर मां बाप का सपना होता है कि उसका बेटा या बेटी इंजीनियर और डॉक्टर बनकर लाखों रुपए कमाए। माता - पिता के साथ-साथ अपने गांव-समाज का नाम रोशन करें।
लेकिन क्या आपको कोई ऐसा लड़का या लड़की स्कूल या कॉलेज में पढ़ने के दौरान मिला है, जो कहता हो कि मुझे इंजीनियरिंग की डिग्री करने के बाद गुपचुप अर्थात फुचका बेचना है।
स्टार्टअप के नाम पर उल जलूल काम
इन दिनों देश में स्टार्टअप के नाम पर उल जलूल काम किए जा रहे हैं। कोई बीटेक की पढ़ाई कर चाय का ठेला लगा रहा है, तो कोई डॉक्टर की पढ़ाई कर समोसा बेच रहा है। सोशल मीडिया पर अगर गौर करें तो आए दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं। अब एक लड़की है, जिसका नाम है तापसी उपाध्याय। अब वह वायरल हो रही हैं। उसका कहना है कि वह बी टेक इंजीनियर होने के बावजूद पानीपुरी बेचती हैं और लाखों रुपए कमाती हैं।
बुलेट से चलती हैं तापसी
तापसी उपाध्याय को जानने वाले बताते हैं कि तापसी बुलेट लेकर आती हैं और पानी पूरी का ठेला लगाती हैं। लाखों लोग सोशल मीडिया पर इनको फॉलो करते हैं और दूर-दूर से उनकी हाथों का पानी पूरी खाने आते हैं। क्या है तापसी उपाध्याय की पूरी कहानी आइए डिटेल में आपको बताते हैं।
बीटेक की छात्रा हैं तापसी
तापसी उपाध्याय कहती हैं कि मेरी उम्र मात्र 21 साल है। मेरे घर में मम्मी पापा के साथ साथ एक छोटी बहन और एक छोटा भाई है। उत्तर प्रदेश के मेरठ के सेंट जॉन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से मैट्रिक पास हूं और मैंने दिल्ली पब्लिक स्कूल से मैथ्स लेकर इंटर पास किया है। अभी मैं आईआईटीएम जनकपुरी में बीटेक की छात्रा हूं। एक तरह से कहा जाए तो थर्ड ईयर की छात्रा।एक लाख से शुरू किया बिज़नेस
उपाध्याय कहती है कि मैं देश की राजधानी नई दिल्ली पश्चिमी दिल्ली में पानी पुरी का स्टाल लगाती हूं। मेरा गुपचुप स्टॉल तिलक नगर मेट्रो स्टेशन के पास है। रोज हजारों लोग मेरे दुकान पर गुपचुप खाने पहुंचते हैं। एक तरह से कहा जाए तो रोज भीड़ उमड़ती है। स्टार्टअप को शुरू करने के लिए मुझे ₹100000 खर्च करने पड़े। एक लड़की होने के कारण मेरे लिए यह सब कुछ आसान नहीं था। बावजूद मैंने इस काम को बखूबी निभाया और लोगों ने मेरा साथ दिया।
50 प्रतिशत होता है मुनाफा
अपनी सफलता से उत्साहित होकर तापसी कहती हैं कि दिल्ली के अंदर मेरे 4 स्टाल लगते हैं। 50% का मुनाफा हो जाता है। आसान भाषा में कहा जाए तो 100 रूपये खर्च करने पर 50 रूपए की बचत होती है।
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