भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पहले कप्तान 'सीके नायडू', उनका लगाया छक्का दूसरे शहर में जाकर गिरा था


क्रिकेट

भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के प्रथम कप्तान सी के नायडू थे।

भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पहले कप्तान 'सीके नायडू', उनका लगाया छक्का दूसरे शहर में जाकर गिरा था

जिनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिक्रेट करियर बहुत छोटा, लेकिन काफ़ी असरदार रहा। इतना प्रभावशाली कि वह किसी ब्रांड के एम्बेसडर बनने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हुए थे। यह ब्रांड था 'बाथगेट लिवर टॉनिक' का, जिसे उन्होंने विदेश में इंडोर्स किया था।

सीके नायडू यानी कोट्टारी कनकैया नायडू का जन्म 31अक्टूबर 1895 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ और थोड़ा बड़े होते ही वे क्रिकेट के दीवाने बन गए। हालांकि भारत के लिए इंटरनेशनल मैच खेलने की उनकी ख़्वाहिश काफ़ी देर में पूरी हुई। जिस उम्र में आज खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं, उस उम्र में नायडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। 

25 जून 1932 को जब भारतीय टीम ने अपना पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेला, तो 37 साल के नायडू को कप्तानी सौंपी गई थी। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम सिर्फ़ 7 मैच दर्ज हैं, यानी इस फॉर्मेट में वह ज़्यादा तो नहीं खेल पाए, लेकिन इस दौरान अपने बल्ले से 350 रन जड़े। विकेट्स की बात करें तो इस दिग्गज खिलाड़ी ने टेस्ट में 9 बल्लेबाजों को आउट किया था।
 
नायडू ने इंग्लैंड के एजबेस्टन में मैच खेलते हुए एक ऐसा छक्का मारा था कि गेंद दूसरे शहर में जाकर गिरी! 
हैरान हो गए न? लेकिन यह बात सच है।


उनका क्रिकेट करियर इसी तरह की कई उपलब्धियों से भरा पड़ा है। साल 1933 में नायडू विज़डन द्वारा 'क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर' चुने गए थे। इसके अलावा, 1956 में उन्हें भारत सरकार ने 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया था। आज भी उनका दौर ख़त्म नहीं हुआ है, हाल ही में इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत के इस महान खिलाड़ी की प्रतिमा का अनावरण किया गया है।

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