पुस्तकें अनमोल होती हैं, इनका कोई मोल नहीं होता : – श्याम सुन्दर सिंह


दर्शकों से गुलजार हुआ मेला

साहिबगंज :  पुस्तकें इतिहास बताती हैं। पुस्तकों से ही प्राचीनकाल के देश-विदेश की संस्कृति, सभ्यता आदि का पता चलता है। पुस्तकें सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त माध्यम प्रमाणित होती हैं। वर्तमान समय में जब जीवन मूल्यों का निरंतर ह्रास हो रहा है, ऐसे में महापुरुषों की पुस्तकों की उपयोगिता अत्यधिक बढ़ जाती है। पुस्तकें अंधकार में प्रकाश की किरण होती हैं।

पुस्तकें अनमोल होती हैं, इनका कोई मोल नहीं होता : – श्याम सुन्दर सिंह


नि:संदेह पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं। पुस्त्कें अनमोल होती हैं। इनका कोई मोल नहीं होता। पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र भी होती हैं। ये हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं, हमारा मार्गदर्शन करती हैं। पुस्तकों के माध्यम से महापुरुषों के विचार अमर हो जाते हैं और उनका ज्ञान, उपदेश सदैव जीवित रहता है।

इसी उद्देश्य के साथ रेलवे उच्च विद्यालय में चल रहे पुस्तक मेले में शनिवार को कई स्कूलों के बच्चे सहित बुद्धिजीवी वर्ग के लोग पहुंचे। इससे मेला गुलजार हो गया। यहां उन्होंने अपनी पसंद की पुस्तकें खरीदी। इसके अलावा मेले में विभिन्न पुस्तकों के बारे में जानकारी भी प्राप्त की।

 रेलवे उच्च विद्यालय के शताब्दी प्रशाल में आठ दिसंबर से इस पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले का रविवार को आखिरी दिन है। पिछले कुछ वर्षों से हर वर्ष इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले को देखने के लिए हर बार भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

गायत्री परिवार के उप जोन समन्वयक श्याम सुंदर सिंह बताते हैं कि पुस्तक मेले में इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, यात्रा, धर्म, भाषा, जीवन-वृत्त, आत्मकथाएं, लोककथाएं, मनोरंजन, सिनेमा, स्वास्थ्य, सिलाई-बुनाई-कढ़ाई आदि सभी विषयों पर पुस्तकें मिल जाती हैं। 

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कोई विषय ऐसा नहीं होता, जिस पर ऐसे पुस्तक मेले में पुस्तक न मिले। किताबों की ओर इशारा करते हुए श्वाती कुमारी ने बताया कि गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने बत्तीस हजार पुस्तकें लिखी हैं। 

इन पुस्तकों सहित अन्य विद्वानों की पुस्तकें संग्रहित कर आठ से सत्रह दिसंबर तक विराट पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है, वहीं रानी श्रीवास्तव और पूजा सिंह ने कहा कि इस पुस्तक मेले के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि पैदा करना है। 

पुस्तक मेलों के कई लाभ हैं। इनसे जहां पाठकों को एक ही स्थान पर विभिन्न विषयों की हजारों पुस्तकें मिल जाती हैं, वहीं प्रकाशकों को भी अपनी पुस्तकें प्रस्तुत करने के लिए एक उचित मंच उपलब्ध हो जाता है। मौके पर मोतीनाथ धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष और हिंदू धर्म रक्षा मंच के प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो ने कहा कि इसमें तनिक भी संदेह नहीं है कि पुस्तक मेला पाठकों के लिए वरदान है। 

यहां पुस्तकें पाठकों को सहज उपलब्ध रहती हैं। वे अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें खरीद सकते हैं। एक विषय पर अनेक पुस्तकें उपलब्ध रहने पर उन्हें पुस्तकों के चुनाव में आसानी रहती है और पुस्तक का विषय, मूल्य आदि की भी पाठक सही जांच-पड़ताल कर लेते हैं।

संजय कुमार धीरज

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