2024 का अंतरिम बजट निश्चित रूप से ऐतिहासिक है : अर्थशास्त्री प्रोफेसर सुबोध कुमार झा
साहिबगंज : 2024 का अंतरिम बजट, जो निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पेश किया, निश्चित रूप से यह ऐतिहासिक महत्व रखता है। ऐतिहासिक इसलिए कि अबतक का अधिकतम छठी बार किसी ने बजट पेश किया है।
बजट में बताया गया कि 2014 से अब तक 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला गया ,जो प्रशंसा योग्य है। इसमें चार 'जातियों' पर फोकस किया गया है - गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता शामिल हैं।
बजट में विकसित भारत बनाने का प्रयास किया गया है, जिसके तहत एक विजन है कि अगले 5 साल अभूतपूर्व विकास के साल होंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के सुनहरे पल होंगे। लोगों की औसत वास्तविक आय 50% बढ़ेगी।
डिजिटल इंडिया की गतिविधि अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में सहायक होगी।
80 करोड़ लोगों की खाने की चिंता खत्म होगी।
40 हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत बोगी में बदला जाएगा। कम या शून्य ब्याज पर लोन मिलेगा। एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनने वाली हैं। 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे। 1361 मंडियों को e-NAM से जोड़ा जाएगा। अतिरिक्त आय पर कर भार में भी भारी छूट दी गई है। कर भार में कटौती 6%से घटाकर 5%की गई है।
प्रो सुबोध कुमार झा अर्थशास्त्र विभाग
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