CLOSE ADS
CLOSE ADS

कजरी - वृंदावन की होली, वृंदावन की आई बाहर, चलो सखी देखन जाएं


 समस्त सनातनी परिवार को समरसता का महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं।इस अवसर पर स्वरचित होली कचरी।

कजरी - वृंदावन की होली, वृंदावन की आई बाहर, चलो सखी देखन जाएं

फागुन की आई बहार,चलो सखी देखन जाएँ-2

कृष्ण रंग में रंगी है नारियां-2

रंग बिरंगी भरी पिचकारियां-2

रंगों की पड़ रही फुहार-2

चलो सखी भीगन जाएँ।

फागुन की आई बहार ---


कृष्ण बांसुरी धुन, सुन राधा जागी-2

दौड़ी दौड़ी वृंदावन भागी-2

पीछे लगी गोपियन कतार-2

चलो सखी देखन जाएं।

फागुन की आई बहार------


सुंदर मधुवन,चली पुरवाई-2

कृष्ण संग संग राधा आई-2

प्रेम रस की बह चली है धार-2

चलो सखी डूबन जाएं।

फागुन की आई बहार--------।


वृंदावन में भीड़ बड़ी भारी-2 

राधा संग संग नाचे मुरारी-2 

मोहित हैं शिव जी हमार-2 

चलो सखी देखने जाएं 

फागुन की आई बहार, चलो सखी देखन जाएं।



 स्वरचित 

सुबोध झा

0 Response to "कजरी - वृंदावन की होली, वृंदावन की आई बाहर, चलो सखी देखन जाएं"

Post a Comment

साहिबगंज न्यूज़ की खबरें पढ़ने के लिए धन्यवाद, कृप्या निचे अनुभव साझा करें.

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel