राजमहल पहाड़ मामले में एनजीटी का आया आदेश, कई पत्थर कारोबारी ने जमा किया पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा
साहिबगंज : जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा ऐतिहासिक राजमहल पहाड़ को बचाने व संवर्धन को लेकर वर्ष 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, ईस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका संख्या-23/2017 की बीते सोमवार को पीठ के जुडिशियल मेंबर न्यायमुर्ति बी.अमित स्टालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डा.अरूण कुमार वर्मा ने सुनवाई की थी।
सुनवाई के पश्चात पीठ ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में बुधवार को आदेश आया है। आदेश में झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड के अधिवक्ता कुमार अनुराग सिंह ने एनजीटी को बताया कि एनजीटी में बोर्ड द्वारा 11 मार्च को दाखिल हलफनामा के आलोक में 203 पत्थर कारोबारियों के ख़िलाफ़
लगाए गए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा में से 06 पत्थर कारोबारियों ने 01,36,91,407.00 ₹ यानी एक करोड़ छत्तीस लाख निन्यानवे हज़ार चार सौ सात रूपये जमा कर दिया है तथा 08 पत्थर कारोबारियों ने भी 01,22,96,874.00 ₹ यानी एक करोड़ बाइस लाख छियानवे हज़ार आठ सौ चौहत्तर रूपये जमा कर दिया है।
इसी प्रकार 72 पत्थर कारोबारियों के पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा को संशोधित करते हुए 07,58,31,718.00 ₹ यानी सात करोड़ अठाइस लाख इकतीस हज़ार सात सौ अठारह रूपये जमा करने के लिए पत्र निर्गत किया गया है। इसके अलावा 33 पत्थर कारोबारियों
द्वारा पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा में संशोधित करने के लिए आवेदन को रद्द करते हुए 25,64,49,218.00 ₹ यानी पच्चीस करोड़ चौसठ लाख उनचास हज़ार दो सौ अठारह रूपये जमा करने के लिए बोर्ड द्वारा पत्र निर्गत कर पंद्रह दिनों के भीतर उक्त राशि को जमा करने को कहा गया है।
झारखंड प्रदुषण बोर्ड द्वारा जिलें के 203 पत्थर कारोबारियों पर करीब एक अरब के लगाए गए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजे के नए हलफनामा के माध्यम से फ्रेश जानकारी देने के लिए एनजीटी से आठ सप्ताह का समय देने का आग्रह किया, जिसे एनजीटी ने स्वीकार करते हुए बोर्ड को आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को निर्धारित की है। अब सभी की नजरें अगली सुनवाई तिथि पर टिक गयी है।
साहिबगंज से संजय कुमार धीरज
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