गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर, तराई क्षेत्र के लोग परेशान


गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर, तराई क्षेत्र के लोग परेशान, भिक्षा के तौर पर थोड़ा सा बांट दिया जाता है राशन, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं

गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर, तराई क्षेत्र के लोग परेशान, भिक्षा के तौर पर थोड़ा सा बांट दिया जाता है राशन, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं

साहिबगंज जिले के तीन प्रखंडों यानी सदर प्रखंड, राजमहल प्रखंड और उधवा प्रखंड में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां गंगा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिसके चलते तराई क्षेत्र के लोग परेशान हैं। गंगा नदी आजकल चेतावनी रेखा के निशान से 1.63 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

जिसके कारण जिले के कई घाट पानी में समाहित हो गए हैं। सुरक्षा की दृष्टिकोण से घाटों पर जल बैरिकेटिंग और जल पुलिस की व्यवस्था की जानी चाहिए थी, लेकिन यहां भी जिला प्रशासन का सिस्टम फेल नजर आया। इतना ही नहीं,

नदी से सटे हुए इलाकों में जलमग्न की स्थिति तो पहले से ही थी, लेकिन अब स्थिति विकराल हो गई है। किसानों की फसलें डूब गई हैं और मिट्टी का कटाव तेज हो गया है। मौसम पूर्वानुमान में केंद्रीय जल आयोग ने साहिबगंज के गंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की कमी होने की संभावना जताई थी,

लेकिन केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, साहिबगंज नदी का जलस्तर बुधवार की शाम को 28.88 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान 27.25 मीटर से 63 सेमी ऊपर एवम चेतावनी रेखा 26..25 से 1.63 सेमी ऊपर बह रही है।

बताया जाता है कि नेपाल से पानी छोड़े जाने पर गंगा नदी में जल वृद्धि हुई है। इसके कारण नदी से सटे हुए इलाकों में जल भराव क्षमता से ज्यादा हो गया है, जिससे लोग शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। फिलहाल की स्थिति देखें तो अभी भी लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है,

जिसके कारण तराई क्षेत्र के लोग सहमे और परेशान हैं। प्रशासन की ओर से कभी–कभार भिक्षा के तौर पर इन्हें कुछ राशन वितरण कर दिया जाता है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं।

By: संजय कुमार धीरज

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