राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत के जन्मदिवस पर...


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत के जन्मदिवस पर प्रोफेसर सुबोध झा की एक काव्याभिव्यक्ति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत के जन्मदिवस पर प्रोफेसर सुबोध झा की एक काव्याभिव्यक्ति

राष्ट्रवाद का प्रबल समर्थक;

देशद्रोही का सबल विध्वंसक;

हिन्दू हृदय है अपना मोहन;

तिलक लाल सिन्दूरी मस्तक।


पशुप्रेमी से हुए चिकित्सक;

समद्रष्टा समभाव के रक्षक;

केशव की ध्येय साधना में;

सेवाभाव से बने स्वयंसेवक।


माता मालती थीं अंजान;

मधुकर सूत केशव समान;

अखंड भारत के उपासक;

हिन्दू हृदय देशभक्त महान।

 

ब्रह्मचर्य ज्ञानी तेजस्वी;

संघ के सिरमौर मनस्वी;

अखंड भारत के प्रवक्ता;

मोहन आप हों यशस्वी।


श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान;

मोहन भागवत स्वरूप  विद्यमान;

पूज्य आरएसएस सरसंघचालक;

विलक्षण वक्ता का हो यशोगान।


बुद्धि विद्या विवेक अपार;

दासत्व बोध का संस्कार।


ब्राह्मण कूल के दिव्यज्योति;

मां भारती के अद्भुत मोती।


महाराष्ट्र चंद्रपुर के हे संत सनातन!

जय जय मां भारती के दिव्य मोहन!


सुबोध झा

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