हूल क्रांति दिवस पर साहिबगंज में वीर शहीदों को नमन, पूर्व विधायक अनंत ओझा ने किया माल्यार्पण


हूल क्रांति दिवस पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि, पूर्व विधायक अनंत ओझा ने कहा – आदिवासी क्रांति भारत की आज़ादी की असली शुरुआत थी

हूल क्रांति दिवस पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि, पूर्व विधायक अनंत ओझा ने कहा – आदिवासी क्रांति भारत की आज़ादी की असली शुरुआत थी

साहिबगंज | विशेष रिपोर्ट – संजय कुमार धीरज
झारखंड के साहिबगंज जिले में 30 जून को हूल क्रांति दिवस के अवसर पर एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व विधायक अनंत कुमार ओझा समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन सिद्धो-कान्हू स्टेडियम परिसर में किया गया, जहां वीर शहीदों सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

✦ वीर सपूतों को सच्चा नमन

इस अवसर पर पूर्व विधायक अनंत ओझा ने कहा कि हूल क्रांति केवल एक आंदोलन नहीं बल्कि भारत की स्वतंत्रता की चिंगारी थी, जो आदिवासी समाज ने जलाई थी।

"1855 में जब अंग्रेजी सत्ता ने आम लोगों पर जुल्म ढाना शुरू किया, तब साहसी योद्धा सिद्धो और कान्हू मुर्मू ने 20,000 आदिवासी साथियों के साथ ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ बगावत की थी।"

उन्होंने कहा कि आज़ादी के संघर्ष को जब-जब याद किया जाएगा, तब-तब झारखंड की इस वीरगाथा का उल्लेख स्वर्णिम अक्षरों में किया जाएगा।

✦ महिला मोर्चा ने दिया प्रेरणादायक संदेश

भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष गरिमा साह ने कहा कि हूल दिवस न केवल बलिदान का दिन है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और आत्मसम्मान का प्रतीक भी है।

“फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं ने उस दौर में साहस और नेतृत्व का परिचय दिया, जब महिलाएं घरों तक सीमित थीं। आज की पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेने की ज़रूरत है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा महिला मोर्चा लगातार आदिवासी समाज की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम कर रही है, और हूल क्रांति की भावना को आज भी जीवित रखा जा रहा है।

✦ कार्यक्रम में दिखा एकता और समर्पण का भाव

इस कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष संजय पटेल के नेतृत्व में भाजपा के कई प्रमुख कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें रामानंद साह, धर्मेंद्र कुमार, अर्देंदु बोस, जयप्रकाश सिन्हा, कृपानाथ मंडल, आनंद कुमार ओझा, चांदनी देवी प्रमुख थे। सभी ने शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।

हूल क्रांति दिवस पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि, पूर्व विधायक अनंत ओझा ने कहा – आदिवासी क्रांति भारत की आज़ादी की असली शुरुआत थी

कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं, जिनमें स्कूली बच्चों ने हूल क्रांति पर आधारित गीतों और नाटकों के माध्यम से शहीदों की वीरता का चित्रण किया। स्थानीय जनता की भारी उपस्थिति ने यह दर्शाया कि आज भी हूल आंदोलन की भावना लोगों के हृदय में जीवित है।

✦ हूल दिवस का ऐतिहासिक महत्व

हूल क्रांति की शुरुआत 30 जून 1855 को हुई थी जब सिद्धो और कान्हू मुर्मू ने साहिबगंज जिले के भगनाडीह गांव से अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था। इस क्रांति में करीब 20,000 आदिवासियों ने भाग लिया था और हजारों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी। यह संग्राम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली जमीनी लड़ाई मानी जाती है।

✦ समापन और संकल्प

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा, और उनकी विचारधारा को नई पीढ़ी तक पहुँचाया जाएगा।

                                                                    Sanjay

0 Response to "हूल क्रांति दिवस पर साहिबगंज में वीर शहीदों को नमन, पूर्व विधायक अनंत ओझा ने किया माल्यार्पण"

Post a Comment

साहिबगंज न्यूज़ की खबरें पढ़ने के लिए धन्यवाद, कृप्या निचे अनुभव साझा करें.

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel