बरसात से पहले राहत की तैयारी: साहिबगंज पहुंचेगी चार नई बोटें
बरसात से पहले राहत की तैयारी: साहिबगंज पहुंचेगी चार नई बोटें, एक ‘गंगा’ बोट ने शुरू किया परीक्षण
साहिबगंज। हर वर्ष मानसून के दौरान बाढ़ की त्रासदी से जूझने वाले साहिबगंज जिले के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। गंगा नदी के किनारे बसे झारखंड के एकमात्र जिले साहिबगंज में बाढ़ के संभावित खतरों से निपटने के लिए चार आधुनिक बोट और एक रेस्क्यू बोट की खरीद की गई है। इनमें से ‘गंगा’ नामक एक 12 सीटों वाली बोट जिले में पहुंच चुकी है, और इसका परीक्षण भी बुधवार को विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किया गया।
1.70 करोड़ की लागत से खरीदी जा रही हैं बोटें और राहत उपकरण
उपायुक्त हेमंत सती ने जानकारी दी कि आपदा प्रबंधन की तैयारियों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से ₹1.70 करोड़ की लागत से चार यात्री बोट और एक रेस्क्यू बोट खरीदी जा रही है। "गंगा" नामक पहली बोट पहले ही साहिबगंज पहुंच चुकी है, जबकि शेष तीन बोटें 15 दिनों के भीतर जिले में उपलब्ध हो जाएंगी। इन बोटों की मदद से बाढ़ के समय लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकेगा, साथ ही बीमार व्यक्तियों को भी समय पर चिकित्सकीय सुविधा मिल पाएगी।
गंगा कटाव के कारण फ्लोटिंग जेटी का होगा निर्माण
उपायुक्त ने यह भी बताया कि गंगा नदी में लगातार कटाव और जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण नाव संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए 1000 वर्गफुट क्षेत्रफल में डबल डेकर फ्लोटिंग जेटी का निर्माण किया जाएगा। इसमें 60 मीटर की नायलॉन फ्लोटिंग रस्सी का प्रयोग किया जाएगा, जो जलस्तर के अनुसार समायोजित किया जा सकेगा।
बाढ़ प्रभावितों के लिए कैंपिंग टेंट और सोलर पावर स्टेशन
प्रशासनिक योजना के तहत बाढ़ राहत के दौरान लोगों को सुरक्षित आश्रय देने के लिए 30 यूनिट कैंपिंग टेंट लगाए जाएंगे। रात में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चार हाई-पावर सर्चलाइट्स खरीदी जाएंगी, जो एक बार चार्ज करने पर लगभग 12 घंटे तक कार्य कर सकेंगी।
साथ ही, चार पोर्टेबल सोलर पावर स्टेशन, 40 लाइफ जैकेट, 40 रेन पोंचो, वाटरप्रूफ बूट, बैटरी चालित टॉर्च, और फर्स्ट एड किट भी तैयार रखे जाएंगे, जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में फौरन कार्रवाई की जा सके।
विभागीय समन्वय से तैयार हो रहा सुरक्षा तंत्र
फिलहाल नमामि गंगे घाट पर आपदा विभाग की ओर से तीन बोट, स्वास्थ्य विभाग की एक वॉटर एंबुलेंस, और वन विभाग की ओर से एक बोट उपलब्ध है। चार नई बोटों के जुड़ने से जिला प्रशासन की जल आपदा से निपटने की क्षमता काफी बढ़ जाएगी।
साहिबगंज अनुमंडल पदाधिकारी गौतम भगत ने बताया कि ‘गंगा’ बोट का सफल परीक्षण रामपुर, टोपरा और हरप्रसाद पंचायतों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किया गया। परीक्षण के दौरान मनोज कुमार, अरविंद कुमार और संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा, खतरे के निशान के करीब
लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बुधवार को जलस्तर 21.97 मीटर दर्ज किया गया, जबकि पिछले 24 घंटों में 15 सेमी की बढ़ोतरी देखी गई है। प्रशासन ने बताया कि चेतावनी स्तर 26.25 मीटर और खतरे का निशान 27.25 मीटर है। इसे देखते हुए राहत एवं बचाव दल को सतर्क कर दिया गया है।
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