साहिबगंज में उफान पर गंगा: सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न
साहिबगंज में उफान पर गंगा: सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न, तीन प्रखंडों में बाढ़ का गंभीर असर
साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जिले में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। साहिबगंज सदर, उधवा, और राजमहल प्रखंड सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे एक्टिव मोड में रखकर राहत व बचाव कार्यों की गति तेज कर दी है।
लगातार बारिश से बिगड़े हालात, गंगा घाट पूरी तरह जलमग्न
पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के चलते गंगा नदी सहित जिले की सभी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। साहिबगंज के सभी गंगा घाट जलमग्न हो चुके हैं और कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
गंगा खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ की स्थिति भयावह
गंगा का खतरे का निशान 27.25 मीटर निर्धारित है, जबकि शनिवार को इसका जलस्तर इससे ऊपर दर्ज किया गया। आपदा प्रबंधन विभाग रांची द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर गंभीर बाढ़ की स्थिति में है। कछारी और दियारा क्षेत्रों में पानी भर चुका है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीणों की जमीन गंगा में समाई, जीविका पर संकट
बढ़ते जलस्तर के कारण दियारा क्षेत्र के दर्जनों गांवों की सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि गंगा में विलीन हो चुकी है। इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं, घाटों के किनारे बसे हजारों नाविक और छोटे दुकानदार भी संकट में हैं। नाव संचालन पर रोक लगने से नाविकों की आजीविका प्रभावित हुई है, और दुकानें डूब जाने से रोज़ कमाने-खाने वालों के सामने जीविका का संकट खड़ा हो गया है।
राहत और बचाव के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क
जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों की स्थापना की जा रही है। कंट्रोल रूम में जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और एनडीआरएफ की टीमों को चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
स्थानीय निवासियों से अपील: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से समय रहते सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाएं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। वहीं, जिला उपायुक्त ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत सामग्री वितरण, चिकित्सा सहायता और पीने के पानी की आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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