बिहार में 36 लाख वोटर होंगे वोटर लिस्ट से बाहर, जानिए क्यों हो रही है इतनी बड़ी कार्रवाई


बिहार में 36 लाख वोटर होंगे वोटर लिस्ट से बाहर, जानिए क्यों हो रही है इतनी बड़ी कार्रवाई

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के तहत मतदाता सूची की जांच का कार्य जोरों पर है। इस प्रक्रिया में अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके अनुसार करीब 36 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने की तैयारी है। यह कदम मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

आखिर क्यों हटाए जा रहे हैं इतने वोटर? आइए आंकड़ों से समझते हैं:

चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 7,89,69,844 है। पुनरीक्षण के दौरान इनमें से 4.52% यानी लगभग 35,69,436 मतदाताओं को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। हटाए जा रहे वोटरों की वजहें इस प्रकार हैं:

श्रेणीमतदाता संख्याप्रतिशत
मृत्यु हो चुके मतदाता12,55,6201.59%
बिहार में ही पता बदला लेकिन दो वोटर आईडी17,37,3362.2%
बिहार स्थायी रूप से छोड़ चुके5,76,4790.73%

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि लगभग 23 लाख ऐसे वोटर हैं, जिनके नाम दो जगह वोटर लिस्ट में दर्ज हैं, या वे अब बिहार में स्थायी रूप से नहीं रहते। इन नामों को हटाकर आयोग सही और वैध मतदाता सूची तैयार करने की कोशिश में है।

विपक्ष के सवाल और आयोग की सफाई
हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है और मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर कई आरोप भी लगाए जा रहे हैं। लेकिन आयोग का तर्क है कि यह एक नियमित और आवश्यक प्रक्रिया है ताकि मृत, स्थानांतरित या बोगस वोटरों को हटाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वच्छ बनाया जा सके।


रिपोर्ट: संजय कुमार धीरज | साहिबगंज न्यूज डेस्क

उद्देश्य – सही मतदाता ही पहुंचें मतदान केंद्र
SIR के अंतर्गत चल रही यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि वोटिंग के दिन केवल वास्तविक और पात्र मतदाता ही मतदान करें। यह चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।

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