भाजपा विधायक साइबर ठगी का शिकार, फॉर्च्यूनर के नाम पर ठग लिए गए ₹1.27 लाख
पलामू/रांची – झारखंड में साइबर अपराध का नेटवर्क कितना सक्रिय और बेखौफ हो चुका है, इसका ताजा उदाहरण पलामू जिले से सामने आया है। पांकी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता साइबर ठगों के शिकार हो गए हैं। आरोप है कि ठगों ने फॉर्च्यूनर गाड़ी की नीलामी का झांसा देकर विधायक से ₹1.27 लाख की ठगी कर ली। विधायक की ओर से इस मामले में साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी गई है।
जीएसटी अधिकारी बनकर किया संपर्क
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते गुरुवार को विधायक शशिभूषण मेहता को रितेश कुमार नामक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को जीएसटी कस्टम विभाग का अधिकारी बताया। उसने कहा कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जीएसटी विभाग द्वारा जब्त की गई लग्जरी गाड़ियों की नीलामी की जा रही है, जिसमें एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी शामिल है।
इसके बाद, आरोपी ने विधायक को व्हाट्सऐप पर गाड़ियों की तस्वीरें भेजीं और दावा किया कि फॉर्च्यूनर गाड़ी की नीलामी कीमत ₹12.70 लाख रखी गई है। विधायक जब गाड़ी में रुचि दिखाने लगे, तो ठग ने कहा कि उन्हें नीलामी में भाग लेने के लिए पहले 10 प्रतिशत यानी ₹1.27 लाख एडवांस जमा करना होगा।
भरोसा दिलाने को भेजा फर्जी रसीद
इसके बाद आरोपी ने विधायक को अनूप नामक एक व्यक्ति का बैंक खाता विवरण भेजा और कहा कि उक्त राशि इस अकाउंट में भेज दी जाए। विधायक के निजी सहायक सरोज कुमार चटर्जी ने ठगों के कहे अनुसार ₹1.27 लाख की राशि ट्रांसफर कर दी। कुछ ही देर बाद ठगों की ओर से एक फर्जी रसीद भी भेजी गई ताकि विश्वास बना रहे। लेकिन जब समय बीतने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई या पुष्टि नहीं मिली, तो विधायक को ठगी का शक हुआ।
साइबर थाना में दर्ज हुई प्राथमिकी
विधायक मेहता ने तत्परता दिखाते हुए पूरे मामले की जानकारी साइबर क्राइम थाना को दी और प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने संबंधित बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बढ़ती साइबर ठगी पर चिंता
झारखंड में लगातार बढ़ रहे साइबर फ्रॉड के मामलों ने राज्य प्रशासन और आम नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर इस घटना से यह साफ हो गया है कि ठग अब प्रभावशाली लोगों को भी निशाना बना रहे हैं।
पुलिस विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति से फोन पर मिली सूचना या ऑफर को बिना जांचे-परखे मानना जोखिम भरा हो सकता है। खासकर नीलामी, लॉटरी या सरकारी पद से संबंधित झूठे दावों से सतर्क रहने की जरूरत है।
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