रेलवे विकास में साहिबगंज पिछड़ा, गोड्डा को मिली प्राथमिकता
रेलवे विकास में साहिबगंज पिछड़ा, गोड्डा को मिली प्राथमिकता — ट्रेन के लिए तरसता संथाल परगना का यह जिला
🛤️ गोड्डा में रेलवे का विस्तार तेज, लेकिन साहिबगंज को अब भी एक जोड़ी ट्रेन का इंतजार
📍 साहिबगंज (झारखंड)।
रेलवे के मामले में झारखंड का गोड्डा जिला तेजी से विकास की ओर अग्रसर है, वहीं साहिबगंज जिला आज भी रेलवे सेवा के लिए तरस रहा है। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क को विस्तार देने में उल्लेखनीय पहल की है, जबकि साहिबगंज में रेलवे की हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी होने के बावजूद कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है।
🚉 गोड्डा में रेल सेवा का तेज़ी से विस्तार
सांसद निशिकांत दुबे अपने पैतृक गांव और बाबा बटेश्वरनाथ मंदिर को रेलवे से जोड़ने के लिए सक्रिय हैं। विक्रमशिला स्टेशन पर एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ी) का निर्माण हो रहा है और गोड्डा में नए रेल रूट, स्टेशन और सेवाओं की शुरुआत की जा रही है। यह प्रयास संजाल परगना और बिहार के सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
🚂 साहिबगंज में रेलवे का विकास थमा हुआ
दूसरी ओर, साहिबगंज में रेलवे की कोई बड़ी परियोजना आज तक लागू नहीं हो सकी। झारखंड के गठन के 25 वर्ष बाद भी साहिबगंज रेलखंड को लूप लाइन बना दिया गया है, जबकि यह जिला राजस्व देने में सबसे आगे रहा है। साहिबगंज से चलने वाली ट्रेनें गोड्डा और भागलपुर से चलाई जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
🏗️ हजारों एकड़ जमीन फिर भी कोई योजना नहीं
साहिबगंज में रेलवे की हजारों एकड़ भूमि खाली पड़ी है, लेकिन रेलवे मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई बड़ा प्लान नहीं सामने आया। यह स्थिति तब और चौंकाने वाली बन जाती है जब मालदा जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों को अतीत में प्राथमिकता दी गई, जबकि साहिबगंज को नजरअंदाज कर दिया गया।
🙏 लोगों को अब भी है उम्मीद
साहिबगंज के लोग अब भी रेलवे के किसी "मसीहा" का इंतजार कर रहे हैं, जो यहां रेलवे का विस्तार करे और लोगों को रोजगार, यातायात और आर्थिक विकास का अवसर दे। स्थानीय सांसद, विधायक और जिला प्रशासन को मिलकर रेलवे के प्रति ठोस रणनीति तैयार करनी चाहिए।
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