बेटियां दे रहीं बुलेट ट्रेन को रफ्तार, बना रही हैं प्रीकास्ट नॉइज़ बैरियर
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जब तेज़ रफ्तार से दौड़ती ट्रेन अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेगी, तब उसमें सिर्फ़ तकनीक नहीं, बल्कि भारत की बेटियों की मेहनत और समर्पण भी शामिल होगा। वडोदरा स्थित L&T की फैक्ट्री में एक ऑल-वुमन इंजीनियरिंग टीम हर महीने 9000 से अधिक प्रीकास्ट नॉइज़ बैरियर पैनल तैयार कर रही है।
👷♀️ महिलाएं जो बना रही हैं भारत का भविष्य:
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टीम में शामिल महिलाएं तमिलनाडु, केरल, हैदराबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों से हैं।
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इनके लिए यह सिर्फ़ नौकरी नहीं, देश के भविष्य को आकार देने का सपना है।
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ये महिलाएं सिर्फ निर्माण नहीं कर रहीं, बल्कि पुरानी सोच को भी चुनौती दे रही हैं।
🛠️ क्या हैं ये नॉइज़ बैरियर:
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बुलेट ट्रेन की तेज़ रफ्तार के कारण पैदा होने वाले शोर को कम करने के लिए पटरियों के किनारे लगाए जाएंगे ये पैनल।
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ये पैनल ट्रेन की रफ्तार के साथ भी शांति बनाए रखने में मदद करेंगे।
💪 क्यों खास है यह पहल:
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देश में महिला इंजीनियरों की संख्या अब भी सीमित है, ऐसे में यह पहल सशक्तिकरण की मिसाल है।
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यह दिखाता है कि महिलाएं न सिर्फ बराबरी कर सकती हैं, बल्कि नेतृत्व भी कर सकती हैं।
जब भारत की पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर दौड़ेगी, तो उसमें इन महिलाओं की संघर्ष, हौसले और हुनर की गूंज भी शामिल होगी। यह सिर्फ़ एक रेल परियोजना नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल है।
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