छात्र संघ चुनाव में वोटिंग पर रोक, लोकतंत्र का गला घोंट रही सरकार: इन्द्रोजीत
झारखंड विधानसभा में पारित उस विधेयक को लेकर छात्र समाज में भारी आक्रोश है, जिसमें विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव अब मतदान प्रक्रिया से न होकर, कुलपति द्वारा प्रतिनिधियों की नियुक्ति के माध्यम से कराने का प्रावधान किया गया है। इस फैसले को लेकर छात्र नेताओं ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है।
छात्र नेता इन्द्रोजीत ने कहा कि यह निर्णय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है और छात्रों की आवाज़ को दबाने की गहरी साज़िश है। उन्होंने कहा, “अब छात्रों का वास्तविक प्रतिनिधित्व खत्म कर दिया जाएगा। मनमाने तरीके से नियुक्त किए गए प्रतिनिधि कभी भी छात्रों की समस्याओं और अधिकारों की आवाज़ को सरकार और प्रशासन तक नहीं पहुँचा पाएंगे।”
इन्द्रोजीत ने सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वह निजी संस्थानों की फीस नियंत्रण का दिखावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर छात्रों की लोकतांत्रिक भागीदारी को खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्र संघ हमेशा से छात्रों की समस्याओं को उठाने का सबसे मजबूत मंच रहा है, और अब उसी मंच को समाप्त किया जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस तुगलकी फैसले को वापस नहीं लिया तो राज्यभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। इन्द्रोजीत ने कहा, “हम सड़क से सदन तक इस काले कानून के खिलाफ संघर्ष करेंगे। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल, धरना-प्रदर्शन और विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।”
इन्द्रोजीत ने अंत में अपील की कि सभी छात्र, शिक्षक, सामाजिक संगठन और लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले लोग एकजुट होकर इस काले कानून का विरोध करें और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए साथ आएं।
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