साहिबगंज गंगा में देश की सबसे अधिक डॉल्फिन्स, प्रति किलोमीटर...
साहिबगंज गंगा में देश की सबसे अधिक डॉल्फिन्स, प्रति किलोमीटर 2.88 की उपस्थिति दर्ज
साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज जिले के गंगा नदी खंड ने देशभर में डॉल्फ़िन उपस्थिति का नया रिकॉर्ड बनाया है। वन्यप्राणी संस्थान, भारत सरकार द्वारा जून 2025 के प्रथम सप्ताह में किए गए वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, साहिबगंज के 89 किलोमीटर लंबे गंगा खंड पर डॉल्फ़िन की उपस्थिति प्रति किलोमीटर 2.88 दर्ज की गई है। यह दर अब तक भारत के किसी भी गंगा खंड में सर्वाधिक है।
डॉल्फिन सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष:
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साहिबगंज गंगा खंड देश में सबसे अधिक डॉल्फिन घनत्व वाला क्षेत्र है।
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उच्च उपस्थिति दर इस क्षेत्र की उत्कृष्ट जल गुणवत्ता और पारिस्थितिकीय स्वास्थ्य को दर्शाती है।
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मार्च 2025 की राष्ट्रीय रिपोर्ट ने भी इस खंड को डॉल्फ़िन संरक्षण के लिए सर्वोत्तम स्थल माना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि डॉल्फ़िन की इतनी अधिक संख्या प्रजनन, आवास और दीर्घकालिक संरक्षण के लिए अनुकूल माहौल को इंगित करती है।
गंगा डॉल्फ़िन: भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव
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वैज्ञानिक नाम: Platanista gangetica
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स्थानीय नाम: सूंस या सोंस
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घोषणा: 18 मई 2009 को इसे भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया।
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स्थिति: वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची–1 में शामिल।
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विशेषताएँ:
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यह नेत्रहीन जलीय जीव है, जो प्रतिध्वनि निर्धारण और सूंघने की क्षमता से शिकार करता है।
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यह मांसाहारी स्तनधारी है और बच्चों को जन्म देती है।
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मादा डॉल्फिन आमतौर पर नर से बड़ी होती है।
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औसत जीवनकाल लगभग 28 वर्ष।
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वर्तमान में भारत में गंगा डॉल्फ़िन की संख्या 2000 से भी कम है। इसके विलुप्त होने के मुख्य कारण नदी प्रदूषण, बांध निर्माण और शिकार हैं।
साहिबगंज: डॉल्फिन संरक्षण का हॉटस्पॉट
साहिबगंज गंगा खंड में डॉल्फ़िन की इतनी अधिक उपस्थिति से यह स्पष्ट है कि यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर डॉल्फ़िन संरक्षण और इको-टूरिज्म के लिए एक आदर्श स्थल बन सकता है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इस क्षेत्र को डॉल्फ़िन अभयारण्य के रूप में विकसित किया जाए, जिससे इन विलुप्तप्राय जीवों का संरक्षण और जागरूकता दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
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