लगभग सभी छठ घाटों की स्थिति चिंताजनक, प्रशासन के लिए सफाई और सुरक्षा बड़ी चुनौती
साहिबगंज : नगर परिषद क्षेत्र में लगभग सभी छठ घाटों की स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि गंगा नदी का जलस्तर घटने से घाटों पर कीचड़ और गड्ढे हो गए हैं। साथ ही गाद और कचरा भी जमा है, जिससे सफाई मुश्किल है। घाट किनारों के गड्ढे भी खतरनाक हो गए हैं।
प्रशासन के लिए सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करना एक चुनौती है, क्योंकि घाटों पर हजारों श्रद्धालु आते हैं। बता दें कि नगर परिषद ने घाटों की साफ-सफाई शुरू कर दी है और उचित प्रकाश की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। जबकि लोक आस्था का महापर्व छठ अब कुछ ही दिनों दूर है।
वहीं, गंगा नदी का जलस्तर घटने के साथ क्षेत्र के लगभग सभी छठ घाटों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। हाल ही में आई बाढ़ के बाद नदी का पानी उतरने से अधिकांश घाटों पर दो से तीन फीट गहरा मिट्टी और कीचड़ का दलदल बन गया है।
बाढ़ के बाद घाटों पर गाद और कचरा भी जमा है, जिससे सफाई कार्य और कठिन हो गया है। नगर क्षेत्र के बिजली घाट, शकुंतला घाट, पुरानी साहिबगंज स्थित ओझा टोली घाट, शीतला मंदिर घाट, फेरी सेवा घाट, गोपालपुर घाट, हनुमत धाम घाट, शिव मंदिर घाट, कबूतरखोपी घाट स्थित सूर्य मंदिर घाट और चानन घाट सहित कुल दर्जनों छठ घाट हैं,
जिनमें से कई की स्थिति बेहद खराब बताई जा रही है। कुछ घाट इतने खतरनाक हो गए हैं कि जिला प्रशासन ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। अगर समय रहते मिट्टी और कीचड़ नहीं हटाया गया तो इस बार छठ व्रतियों को नदी में पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती
ऐसे स्थलों पर बैरिकेटिंग और गोताखोरों की तैनाती की आवश्यकता बताई जा रही है। नगर परिषद के लिए सभी घाटों की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। उल्लेखनीय है कि छठ महापर्व के दौरान उपरोक्त घाटों में दूर-दराज इलाकों से चालीस से पचास हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं, जो डूबते और उगते सूर्य की आराधना करते हैं। प्रशासन को सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर जल्द ही विशेष अभियान चलाने की तैयारी शुरू करने की आवश्यकता है।

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