अपने ही बुने जाल में फंसे शिकारी, शास्त्रीनगर गोलीकांड का पुलिस ने किया सफल उद्भेदन
Sahibganj: शहर के शास्त्रीनगर गोलीकांड मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। 16 नवंबर की शाम हुई यह गोलीबारी दरअसल एक सोची-समझी साज़िश थी, जिसे शिकायतकर्ता मुन्नी देवी ने ही अपने विपक्षी को फंसाने के लिए रचा था। शनिवार को पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले का विवरण प्रस्तुत किया।
16 नवंबर की रात करीब 8:30 बजे मुन्नी देवी ने डायल 112 पर कॉल कर अपने घर के सामने गोलीबारी की सूचना दी थी। उन्होंने मकान विवाद को लेकर विपक्षी विजय कुमार यादव पर फायरिंग कराने का आरोप लगाया। हालांकि, पुलिस जांच में सच कुछ और ही निकला।
जांच में सामने आया कि मुन्नी देवी विजय यादव को फंसाकर मकान पर कब्ज़ा करना चाहती थीं। इससे पहले भी उन्होंने विजय यादव और उनके परिवार पर दो फर्जी मामले दर्ज कराए थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने अपने दामाद राजा कुमार स्वर्णकार, पुत्र सन्नी कुमार साह और दामाद के मित्र प्रीतम कुमार चौधरी के साथ मिलकर नई साज़िश रची।
उनकी योजना के तहत अपराधी अर्जुन सिंह उर्फ देवा को एक लाख रुपये में फायरिंग करने का ठेका दिया गया। 16 नवंबर की रात अर्जुन, उदय गोंड और अन्य साथी मौके पर पहुंचे। फायरिंग के दौरान अर्जुन ने जान से मारने की धमकी देते हुए ऐसा माहौल बनाया मानो यह हमला विजय यादव के लोगों ने कराया हो।
घटनास्थल पर मिले अधिक खोखे पुलिस को संदिग्ध लगे, क्योंकि आसपास के लोगों के अनुसार आरोपी ज्यादा देर रुके नहीं थे। पुलिस ने इसी बिंदु पर गहराई से जांच करते हुए अर्जुन सिंह, उदय गोंड और प्रीतम कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सभी ने साज़िश स्वीकार कर ली।
एसपी ने बताया कि मुख्य साज़िशकर्ता मुन्नी देवी, उसका दामाद और पुत्र फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। सभी गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है।
छापामारी दल का नेतृत्व सदर एसडीपीओ किशोर तिर्की ने किया। टीम में नगर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता, प्रकाश रंजन, आफताब अंसारी, मुरली मनोहर सिंह, रूपेश कुमार यादव, रविशंकर सिंह सहित सशस्त्र बल शामिल थे।

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