बुजुर्गों को आर्थिक नहीं मानसिक व भावनात्मक जुड़ाव चाहिए: डॉ. रणजीत कुमार सिंह



बुजुर्गों को आर्थिक नहीं  मानसिक व भावनात्मक जुड़ाव चाहिए डॉ रणजीत कुमार सिंह

Sahibganj Newsबुजुर्गों को आर्थिक नहीं  मानसिक व भावनात्मक जुड़ाव चाहिए डॉ रणजीत कुमार सिंह. अकेलापन व खालीपन का उपचार संवाद ही एक दवा है। कोरोना काल कोविड  19 को लेकर  विशेष कार्यक्रम NSS इकाई की ओर से  "बुजुर्गों का सम्मान " सप्ताह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस  पर राष्ट्रीय बेविनार राष्ट्रीय सेवा योजना साहेबगज महाविद्यालय साहिबगंज की ओर से आयोजित विषय" बुजुर्गों का सम्मान भारतीय समाज की पहचान" NSS इकाई साहिबगंज महाविद्यालय व पिरामल फाउंडेशन साहेबगज के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 22 अगस्त को 3 PM से किया गया.

बुजुर्गों को आर्थिक नहीं  मानसिक व भावनात्मक जुड़ाव चाहिए डॉ रणजीत कुमार सिंह

जिसमें मुख्य रूप से बुजुर्गों की देखभाल, सेवा, मानसिक व शरीरिक  स्वास्थ्य, आरोग्यता पर बल दी गयी। कोविड संक्रमण मे बुजुर्गों का पर्याप्त ध्यान रखना, उन्हें व्यस्त रखना और समय समय पर संवाद कर  मनोवैज्ञानिक काउन्सलिंग देना ताकि उनका बेहतर समायोजन बना रहे।

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वेबिनार मे मुख्य रूप से साहेबगंज कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार, NSS समन्वयक डॉ रंजीत कुमार सिंह, पिरामड फाउंडेशन के ज़िला समन्वयक चंदन सिंह, रविंद्र कुमार, SKMU से डॉ रेणु गुप्ता, डॉ धुर्व ज्योति कुमार सिंह , BCA के प्रकाश रंजन, राष्ट्रीय सलाहकार डॉ सतीश गोड्डा से डॉ सुमन लता दुमका के नोडल अधिकारी डॉ रूपम कुमारी, बोकारो स्टील सिटी कॉलेज बोकारो के मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ प्रभाकर कुमार रिसोर्स पर्सन के रूप में , राँची यूनिवर्सिटी से डॉ त्रिजा टोप्प्नो, NSS वालंटियर साहेबगंज कॉलेज से अनामिका कुमारी, रानी कुमारी, रीना कुमारी, रोहित कुमार यादव, नमिता कुमारी, विनय टुडू , B S K कॉलेज बरहरवा से रोहित कुमार कुशवाहा, तनवीर आलम, उपस्थित थे।

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