भुकंप के झटके से साहेबगज की धरती डोली, डॉ रणजीत कुमार - भूवैज्ञानिक द्वारा कारणों का विस्तार से..



भुकंप के झटके से साहेबगज की धरती डोली

Sahibganj News: भूकंप प्लेट टोटल गतिविधि के कारण भारत एवं तिब्बत के विभागीय क्षेत्र उत्तर गोंडवाना एवं तनिश िया काल से सक्रिय है इसी टेक्टोनिक घटना के चलते हिमालय पर्वत एवं वर्तमान भू आकृति पृथ्वी का निर्माण हुआ था.

हिमालय से निकलने वाली नदियां मसलन गंगा ब्रह्मपुत्र नदी के मैदान का निर्माण हुआ है मैदानी भाग मुक्ता हिमालय के निकलने वाली नदियां द्वारा लाए गए अवसाद निक्षेपन से निर्मित हुई है साहिबगंज गंगा तट पर अवस्थित है या अवसाद से निर्मित पटल पर स्थित है.



भूकंपीय तरंगे अपने केंद्र बिंदु से प्रभावित होकर जब मैदानी भाग में आती है तो और संगठित अपराधों में उनका परिवहन अवैध रूप से बताएं इसके चलते ऊपरी सतह पर झटके महसूस होते हैं यद्यपि उत्तर एवं उत्तरी पूर्वी में आने वाले भूकंप की अपेक्षा साहिबगंज जिला में आने वाले भूकंप कम विनाशकारी साबित हुए हैं.

गंगा नदी स्वयं एक फॉल्ट जॉन पर अवस्थित है सैनिटेशन की प्रक्रिया के चलते इसकी गहराई में निरंतर कमी आ रही है दबाव के चलते इस भैंस के क्रियाशील होने की स्थिति में बड़े भूकंप आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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जाहिर है कि गंगा के हलचल का सीधा असर यहां भी पड़ सकता है वैसे वह वैज्ञानिक तरह से पहाड़ एवं जंगल की कटाई भी नुकसान का खतरा बढ़ रहा है. बचाव के उपाय मकान के अंदर रहने पर भूकंप के समय भ्रमित ना हो कर शांति बनाए रखें किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपकर उसे मजबूती से पकड़ कर रखें.

फर्नीचर नहीं रहने की स्थिति में मजबूत दीवार के साथ फर्श पर घुटने के बल बैठ जाएं खिड़कियां दरवाजे से दूर रहें खुली मैदान में सुरक्षित रह सकते हैं कच्चे दीवार से दूर रहें शिर्डी का प्रयोग करें ना कि खुले मैदान में ऊंची इमारतों से दूर रहें बिजली पोल या तारों से दूर रहें.

ऐसी जगह रहें जहां बड़े पेड़ ना हो, क्षतिग्रस्त इमारत ना हो, गाड़ी में रहने पर किसी खुले जगह इमारत पेड़ या बिजली पोल तार से दूर रहें गाड़ी रोककर उसके अंदर बैठे रहे भूकंप थमने पर ही सावधानी से जाएं.

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