अब भारत में ही बनेंगी मोबाइल, सरकार खर्च करेगी 71,000 करोड़...
अब भारत में ही बनेंगी मोबाइल
Sahibganj News: लैपटॉप, स्मार्टफोन, कार और कई डिवाइस में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-ऑयन बैटरी अब भारत में ही बनाई जाएगी. इसके लिए सरकार नई पॉलिसी जल्द ला रही है. कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला हो सकता है.इलेक्ट्रिक गाड़ियों और एनर्जी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय बैटरी पॉलिसी (National Battery Policy) तैयार कर रही है. CNBC आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसे जल्द ही कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
इस पॉलिसी में भारत में लिथियम आयन के अलावा भी सभी तरह के एडवांस केमिस्ट्री सेल के मैन्यूफेक्चरिंग के लिए गीगा फैक्टरीज को बनाने के लिए इंसेंटिव दिए जाएंगे. सरकार की ओर से इंसेंटिव योजना से बैटरी बनाने वाली दक्षिण कोरिया की एलजी कैमिकल और जापान की पेनासॉनिक कॉर्प को फायदा हो सकता है.
इसके अलावा भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा को भी लाभ मिलेगा. जल्द आ रही है बैटरी पॉलिसी- लिथियम आयन सहित सभी एडवांस केमिकल केमिस्ट्री सेल बैटरी को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी आ रही है.
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पॉलिसी को लागू करने की जिम्मेदारी भारी उद्योग मंत्रालय की होगी. तेल पर निर्भरता कम करने और प्रदूषण में कटौती को लेकर सरकार कई कदम उठा रही है. इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना भी शामिल है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि मैन्युफैक्चरिंग और चार्जिंग स्टेशन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश नहीं किया जा रहा है.
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में बीते कारोबारी साल में केवल 3400 इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री हुई है। जबकि इस अवधि में 17 लाख पारंपरिक यात्री कारों की बिक्री हुई है.
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