साहिबगंज: दुधकोल डुंगरी पहाड़ पर करोडों वर्ष पुराना फॉसिल्स जीवाश्म का...
दुधकोल डुंगरी पहाड़ पर किया पुजन, वृक्षा रोपण वे करोडों वर्ष पुराना फॉसिल्स जीवाश्म का निरीक्षण
Sahibganj News: डुंगरी पहाड़ बाबा दुधनाथ धाम के दरबार मे पहुंच कर अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल श्री हरिवंश पंडित एवं तालझारी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी साईमन मंराडी एवं भूगर्भ वैज्ञानिक प्रोफेसर डाक्टर रणजीत सिंह ने जायजा लिया.
इस डूंगर पहाड़ी से 9 किलोमीटर पर चैतन्य महाप्रभु कन्हैया स्थान जहां प्रभु श्री कृष्ण के पद चिन्ह है और लगभग 9 किलोमीटर पर उत्तरवाहिनी गंगा कि धारा कलरव करते हुए गंगासागर की ओर बहती है.
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यहां से 10 किलोमीटर की दूरी पर बिक्रातं मोती झरना और दक्षिण साइड राजमहल पहाड़ियों की मनोरम दृश्य है यदि सरकार के द्वारा इस डूंगरी पहाड़ पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है तो यहां लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
यह शोध का केंद्र होगा इसलिए इन पहाड़ियों को उत्खनन से संरक्षित नहीं किया गया तो आने वाले समय में आज का जो दृश्य है वह काल के गाल में समा जाएगा. यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में सफाहोड़ समुदाय एवं झारखंड की भाषा में दीकु समुदाय के लोगो के द्वारा पूजा अर्चना की जा रही है जो चर्चा का विषय है.
SDO ने आश्वासन दिया है कि मै उपायुक्त महोदय को निवेदन करूँगा एक बार यहाँ पधारे और इस जगह पर बिजली पानी सड़क यात्री शेड यहाँ के जिवाशम के संरक्षण एवं के लिए घेरा बंदी साथ ही यहां की पत्थरों को संरक्षित करने के लिए ग्रामीणो से निवेदन आदि विषयो पर काम करवाएं.
मौके पर दुधकोल गाँव के जाने माने पूर्व बीससूत्री सदस्य श्री लखन पंडित एवं समाजसेवी संत प्रजापति प्रकाश बाबा के साथ साथ सरपंच मुखिया एव दुधकोल के समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहें.
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