बिहार: सिर मुंडाते ही ओले पड़े - शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने दिया इस्तीफा
Sahibganj News: जी हां ये लोकोक्ति बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर सटीक बैठ रही है।उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफे दे दिया है, जबकि आज ही उनकी मत्री पद पर ताजपोशी की गई थी। मेवालाल पर कृषि विश्वविद्यालय में वीसी रहते हुए नियुक्ति में धांधली एवं घोटाले का आरोप है।
पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने आरोप लगाया है कि मेवालाल की पत्नी नीता चौधरी (पूर्व विधायक) की पिछले साल हुई संदिग्ध मौत के तार नियुक्ति घोटाले से जुड़े हैं।इस मामले की जांच के लिए अमिताभ दास ने डीजीपी को चिट्ठी भी लिखी है।
मेवालाल के इस्तीफे के बाद नीतीश सरकार विपक्षी के निशाने पर हैं। मेवालाल चौधरी के इस्तीफे पर आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने कहा है कि सिर्फ मेवालाल के इस्तीफे से बात नहीं बनेगी।
तेजस्वी यादव ने लिखा, ”मा. मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें।महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे. जय बिहार,जय हिन्द.’
एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ”मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया। थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया। घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया। असली गुनाहगार तो आप ही हैं। आपने मंत्री क्यों बनाया?आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?”
एक दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ”मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया। थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया। घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया। असली गुनाहगार तो आप ही हैं। आपने मंत्री क्यों बनाया?आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?”
क्या है पूरा मामला ?
जनवरी 2016 में बिहार में नियुक्ति घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ था जब मेवालाल भागलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति थे वहां 2012 में कृषि वैज्ञानिक, असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती होनी थी, 2012 में 281 पदों के लिए विज्ञापन निकला, परीक्षा के बाद 166 लोगों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद घोटाले के आरोप लगे। बाद में खुलासा हुआ कि जिसे कम नंबर मिले उसे पास कर दिया गया और जिसे ज्यादा नंबर मिले उसे फेल कर दिया गया।बता दें कि मेवालाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। 2010 में जब उनको कृषि विश्वविद्यालय (सबौर) का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं थीं। सुशील मोदी ने जब सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा था। हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया था।
इस बार फिर से मुंगेर की तारापुर सीट से जीतकर वो विधायक बने हैं और अब शिक्षा मंत्री बना दिए गए। नई नीतीश सरकार में गुरुवार को नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें से 7 नेता बीजेपी कोटे और 5 नेता जेडीयू कोटे से मंत्री बने हैं ।सरकार बनाते ही बिहार में नितीश सरकार को पहला झटका लगा,जब मेवालाल चौधरी ने अपना इस्तीफा दे दिया। इसे कहते हैं सिर मुंडाते ही ओले पड़ना।
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