ED का खुलासा : जिस स्टीमर को मिली थी मंजूरी, उसे पंकज मिश्रा ने चलने ही नहीं दिया
साहिबगंज :- पंकज मिश्रा गंगा नदी में उस जहाज को नहीं चलने देता था, जिसे अनुमति मिली हुई थी। पंकज के सहयोगी उस जहाज को ही गंगा में चलने देते थे, जिसे सक्षम प्राधिकार से गंगा नदी में साहिबगंज से चलने की अनुमति नहीं थी। इडी को इसकी जानकारी तब मिली, जब साहिबगंज से गंगा नदी के रास्ते पत्थरों की ढुलाई के मामले की जांच की गई। बता दें कि -
ED ने साहिबगंज में 26 जुलाई 2022 को जांच की थी। इस दौरान सुकरघाट पर मेसर्स इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के स्टीमर पर स्टोन चिप्स लदे ट्रक पाए गए थे। स्टीमर पर मिले ट्रकों में से कुछ के पास माइनिंग चालान था, जबकि कुछ के पास नहीं था। यह स्टीमर (एमवी इंफ्रालिंक -111, डब्ल्यूबी-1809) कोलकाता के व्यापारी यश जालान का है।
बच्चू यादव और उसके सहयोगियों पर हुई थी प्राथमिकी दर्ज
जांच में इंफिनिटी इंटरप्राइजेज के अंकुश राजहंस ने इडी को दिये बयान में कहा था कि उसे इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से साहिगबंज से गंगा नदी में स्टीमर चलाने की अनुमति मिली हुई थी। हालांकि पंकज मिश्रा और दाहू यादव उसे चलाने ही नहीं दिया। उसे जबरन रोका गया और परेशान किया जाता रहा। उसके समदा और मनिहारी घाट स्थित काउंटर से पैसे लूट लिये गए। इसे लेकर उसने मुफस्सिल थाने में बच्चू यादव और उसके सहयोगियों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
जांच में पाया गया कि इसे साहिबगंज से बिहार के बीच चलाने की अनुमति सक्षम प्राधिकार ने नहीं दी थी। जांच के दौरान स्टीमर के मास्टर अजीजुल शेख का बयान भी लिया गया था। उसने बताया कि इसकी देखरेख बच्चू यादव द्वारा की जाती है, इसलिए उसे जब्त कर लिया गया।
अनाधिकृत घाटों से होता था स्टीमर का संचालन
अंकुश ने बयान में यह भी बताया था कि नाव यातायात समिति साहिबगंज के विभिन्न स्थानों से अवैध पत्थरों की ढुलाई करती है। यह काम समदा और गरम घाट से होता है। गरम घाट स्टीमर संचालन के लिए अधिकृत नहीं है, फिर भी उसका ज्यादा इस्तेमाल होता है। गरम घाट की देखरेख पंकज मिश्रा का सहयोगी दाहू यादव करता है, जबकि समदा घाट से होनेवाले कार्य की देखरेख बच्चू यादव करता है। बच्चू यादव सकरीगली में अवैद्य अवैध खनन का काम भी करता है।
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