ऋषि कॉलेज में इस लड़की को दे बैठे थे दिल : बेंगलुरु में की थी शादी, जानें दोनों की प्रेम कहानी


भारतीय मूल के 42 वर्षीय ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे। ऋषि ने रविवार को कंजरवेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी की रेस जीत ली। ऋषि पहले भारतवंशी के रूप में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभालने वाले हैं। 

ऋषि कॉलेज में इस लड़की को दे बैठे थे दिल : बेंगलुरु में की थी शादी, जानें दोनों की प्रेम कहानी

ऋषि का नाता भारत से है और उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे। ऋषि की पत्नी अक्षता मूर्ति भी भारतीय हैं। अक्षता के पिता एन नारायणमूर्ति देश के बड़े उद्योगपति हैं। आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना ऋषि सुनक ने ही की थी। ऋषि और अक्षता की प्रेम कहानी भी बहुत रोचक है। आइए जानते हैं कैसे दोनों की मुलाकात हुई। दोनों ने कहां शादी की और दोनों की जिंदगी अब कैसी है।

सुनक का जन्म

ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में हुआ था। ऋषि की मां का नाम ऊषा सुनक और पिता का नाम यशवीर सुनक था। ऋषि तीन भाई - बहनों में सबसे बड़े हैं। ऋषि के दादा - दादी 1960 में अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका चले गए थे। बाद में यहीं से ऋषि का परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। तब से ऋषि का पूरा परिवार इंग्लैंड में ही रहता है। ऋषि ने भारत के बड़े उद्योगपतियों में शुमार इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। ऋषि और अक्षता की दो बेटियां अनुष्का सुनक और कृष्णा सुनक हैं। 

ऋषि की पढ़ाई

ऋषि की शुरुआती पढ़ाई इंग्लैंड के विनचेस्टर कॉलेज से हुई है। इसके बाद आगे की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड से की है। ऋषि ने 2006 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। ऋषि की अक्षता से मुलाकात एमबीए की पढ़ाई के दौरान स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई थी।अक्षता इंफोसिस के संस्थापक एन. नारायणमूर्ति और इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा नारायणमूर्ति की बेटी हैं। दोनों पढ़ाई के दौरान ही एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे। 2009 में दोनों की शादी बेंगलुरु में भारतीय रीति-रिवाज से हुई। अक्षता इंग्लैंड में अपना फैशन ब्रैंड भी चलाती हैं। आज की तारीख में अक्षता इंग्लैंड की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं। 

सुनक की राजनीति

ऋषि ने 2014 में पहली बार राजनीति में अपना कदम रखा। ऋषि ने 2015 में रिचमंड से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में एक बार फिर जीत दर्ज की। 13 फरवरी 2020 को ऋषि को इंग्लैंड का वित्त मंत्री बनाया गया। इसी साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर तमाम तरह के आरोप लगे तो ऋषि ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लगातार जॉनसन कैबिनेट के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद नए प्रधानमंत्री के लिए चुनाव शुरू हुए। इसमें ऋषि मजबूत दावेदार बनकर उभरे थे।

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