बिहार का "शुगर फ्री मैजिक चावल" : ठंढे पानी में भी पक जाता है, ईंधन की आवश्यकता नहीं


गहा:-- बिहार के बगहा के रहने वाले विजय गिरी मैजिक धान की खेती करके अपनी सफलता की मिसाल पेश की है। विजय ने बताया कि पिछले साल पश्चिम बंगाल के कृषि मेला में गए थे। विजय गिरी ने शुरू में एक एकड़ जमीन पर इसकी शुरुआत की। इस दौरान मैजिक धान ने अपना मैजिक दिखाया और अच्छी पैदावार हो गई। खास बात है कि इसमें रासायनिक खाद की भी जरूरत नहीं होती है।

बिहार का "शुगर फ्री मैजिक चावल" : ठंढे पानी में भी पक जाता है, ईंधन की आवश्यकता नहीं

अभी तक इसकी खेती असम के ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर माजुला द्वीप में की जाती रही है। लेकिन विजय गिरी ने इसकी शुरुआत हरपुर सोहसा के अपने गांव में ही करनी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इसकी खेती में लागत भी बहुत नहीं लगती है। इसमें रसायनिक खाद की भी जरूरत नहीं पड़ती है और 150 से 160 दिन में ये तैयार हो जाता है। मार्केट में इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है। इसे 40 से 60 रुपये प्रति किलो बेचा जाता है।

किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं

विजय के अनुसार मैजिक चावल शुगर फ्री होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन की मात्रा भी सामान्य चावल की तुलना में अधिक होती है। गिरी इसके प्रचार - प्रसार पर भी काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि इसकी जितनी पैदावार होगी, किसानों को उतना फायदा होगा।

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