मछली ढोकर सबसे अमीर ट्रेन बनी "एलेप्पी एक्सप्रेस" : 'झारखंड का एंबुलेंस', सिर्फ SLR बोगी लीज पर देकर लाखों कमा रहा रेलवे
धनबाद :- एलेप्पी एक्सप्रेस को झारखंड का एंबुलेंस ट्रेन माना जाता है।
यात्रियों से होने वाली आय में टॉप पर रहने वाली यह ट्रेन पार्सल ढुलाई से प्राप्त आय में भी सबसे आगे है। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) एलेप्पी एक्सप्रेस की पार्सल बोगी से मछली ढोकर सबसे अधिक मुनाफा कमा रहा है। हर ट्रिप पर पार्सल लीज से एलेप्पी एक्सप्रेस को 33,200 रुपए की आमदनी होती है, जो ईसीआर में किसी भी ट्रेन की एक ट्रिप की आय से अधिक है।
यात्रियों से होनेवाली आय में एलेप्पी एक्सप्रेस पहले से जोन के शीर्ष 10 ट्रेनों में शामिल है।
SLR बोगी से होती है लाखों की कमाई
एलेप्पी की आगे वाली एसएलआर बोगी को लीज पर देकर रेलवे सालाना 40 लाख रुपए से अधिक कमा रहा है। पिछले सप्ताह ईसीआर की 29 ट्रेनों के पार्सल लीज की आमदनी का आंकड़ा जारी किया गया है। इसमें एलेप्पी एक्सप्रेस के प्रति ट्रिप का किराया सबसे ऊपर है।
अन्य ट्रेनें भी पीछे नहीं
दूसरे नंबर पर 29,759 रुपए के साथ बरौनी - बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस है। पटना - हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस में सबसे कम 4307 रुपए की प्रति ट्रिप आमदनी होती है।
करीब चार टन मछलियां रोज ढोई जाती हैं
बता दें कि 2535 किलोमीटर चलने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस में महज 780 किलोमीटर दूरी के लिए बुकिंग होती है। इस ट्रेन से विशाखापट्टन से मछलियों की खेप को चेन्नई भेजा जाता है। 3.9 टन के करीब मछलियां हर दिन ट्रेन से ढोई जा रही हैं। इस ट्रेन में कभीकभार धनबाद से जूता या अन्य चीजें विशाखापट्टन तक बुक होती हैं। दरअसल विशाखापट्टनम से हर दिन इस ट्रेन में मछली लोड होती है, इसलिए धनबाद से लीज होल्डर सीधे एलेप्पी के लिए सामान बुक नहीं करता।
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