"सिनेमा की बातें" आज के कलाकार जैकी श्रॉफ


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जयकिशन कटुभाई श्रॉफ, उर्फ जैकी श्रॉफ का जन्म 1 फ़रवरी 1957 में एक गुजराती वैश्य परिवार में हुआ था

"सिनेमा की बातें" आज के कलाकार जैकी श्रॉफ

इनका वास्तविक नाम जयकिशन कटुभाई श्रॉफ है। इनके पिता का नाम कटुभाई व माता का नाम रीटा श्रॉफ है। वे मुंबई के वालकेश्वर इलाके में तीन बत्ती की एक चाल में रहा करते थे। फ़िल्मों में आने से पहले इन्होने कुछ विज्ञापनों में एक मॉडल के रूप में काम किया था।

इन्हें सबसे पहले देव आनंद साहब की फ़िल्म 'स्वामी दादा' में एक छोटी सी भूमिका मिली थी। 1983 में निर्माता निर्देशक सुभाष घई ने इनको अपनी फ़िल्म 'हीरो' में प्रमुख भूमिका प्रदान की, उनकी ये फ़िल्म बहुत ही सुपर - डुपर हिट रही और वो रातों रात एक बड़े स्टार बन गए। 80 के दशक में इन्होने अपनी प्रेमिका आयशा दत्त से विवाह कर लिया। आयशा बाद में फ़िल्म निर्मात्री भी बनीं। इनके दो बच्चे हैं, पुत्र का नाम टाइगर श्राफ (जय हेमंत) तथा पुत्री का नाम कृष्णा है।

हीरो की सफलता के बाद वे सुभाष घई की कई फिल्मों में काम करते हुए कई और फिल्में कीं। जैसे 'अंदर बाहर' 'जानू' और 'युद्ध' सफल रही, लेकिन उन्होंने 'राम लखन', 'त्रिदेव' और 'परिंदा' जैसी फिल्मों के माध्यम से अधिक सफलता हासिल की। अनिल कपूर के साथ जैकी की जोड़ी को लोगो ने काफी पसंद किया। 'परिंदा' फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 90 के दशक में  जैकी ने अनेक सफल फिल्में दी। उन्होंने 'सौदागर', 'अंगार', 'सपने साजन के', 'गर्दिश' , 'खलनायक' जैसी   सफल फिल्मों में काम किया। '1942: ए लव स्टोरी', 'अग्निसाक्षी', 'रंगीला' 'बॉर्डर' और 'शपथ' को लोगो ने काफी पसंद किया।   

 2006 में जैकी श्रॉफ ने बच्चों की फिल्म 'भूत अंकल' में भी काम किया। 2010 में फिल्म 'भूत और फ्रेंड्स' में दिखाई दिए। 2011 में उन्होंने गुरुभाई ठक्कर द्वारा निर्देशित फिल्म 'श्रद्धा: इन द नेम ऑफ गॉड' में एक छोटी सी भूमिका निभाई। अक्टूबर 2018 में उन्होंने एक लघु फिल्म 'द प्लेबॉय : मिस्टर साहनी' में अभिनय किया। उन्हें 'पलटन' में भी देखा गया था।

जैकी श्राफ को 1990 में 'परिंदा' के लिए  फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी तरह 1994 में फिल्म 'गर्दिश' में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। 1994 में 'खलनायक' के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता पुरस्कार मिला। 1995 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता का पुरस्कार '1942 ए लव स्टोरी' के लिए जैकी के खाते में गया। एक बार फिर 1996 की फिल्म 'रंगीला' में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता पुरस्कार मिला। 

पुनः 1997 में 'अग्निसाक्षी' फिल्म के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता पुरस्कार के लिए नामांकित हुए।
2001 की फिल्म 'मिशन कश्मीर' के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार प्राप्त किया। वहीं 2002 में 'याद' के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता पुरस्कार और 2003 में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'देवदास' में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता पुरस्कार प्राप्त किया।

2007 में विशेष गौरव निर्णायक समिति पुरस्कार (विशेष ऑनर जूरी पुरस्कार) हिंदी सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए जैकी श्राफ को दिया गया। उनके व्यक्तित्व और अन्य फिल्मों के बारे मे जानेंगे अगली कड़ी में।

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