झारखंड के लूटन की गजब कहानी, वर्षों पहले बने सन्यासी, 22 वर्ष बाद भिक्षाटन हेतु पहुंचे अपने घर, भिक्षा लेकर लौटे गोरखपुर
गिरिडीह : 22 वर्ष पूर्व अपने घर से निकला युवक लूटन मंडल जब सन्यासी के रूप में अपने घर पहुंचे तो लोग कौतूहल में पड़ गए।
पिछले दिनों वह साधु की वेशभूषा में अपने घर बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत सोनबाद पंचायत के महदैया गांव पहुंचा। घर पर भिक्षाटन के लिए पहुंचते ही उनके घर वालों ने उसे पहचान लिया और काफी खुश हुए, साथ ही खुशी के साथ भावुक भी हो गए। यह बात पूरे गाँव मे आग की तरह फैल गई। वहीं उसे देखने के लिए आस - पड़ोस के सैकड़ों लोग पहुंच गए और उनका हालचाल जाना।
22 वर्ष पूर्व घर का किया था त्याग
बताया जाता है कि महदैया निवासी स्वर्गीय खागो मंडल का पुत्र लूटन मंडल बीते 22 वर्ष पूर्व अपने घर से निकला था और वह लापता हो गया था। माता - पिता व अन्य परिजनों के साथ- साथ गांव वालों ने भी उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन कोई अता - पता नहीं चल पाया था।
अचानक 22 वर्षों बाद आए गांव
अचानक 22 वर्षों के बाद पिछले दिनों वह साधु बाबा के वेश में अपने घर महदैया गांव पहुंचे। इस दौरान उसके भाई, बहन, चाचा, चाची व घरवालों ने उसे काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और अपने घर से भिक्षा लेकर पुनः अपने गंतब्य गोरखपुर की ओर रवाना हो गए। मौके पर सन्यासी का जीवन धारण कर चुके लूटन बाबा ने कहा कि किस्मत में जो लिखा हुआ है, वह कोई नहीं मिटा सकता है, इसलिए साधु बाबा बन गए हैं।
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