"सिनेमा की बातें" जब मन्दाकिनी के कारण मिथुन चक्रवर्ती को मिली थी अंडरवर्ल्ड से धमकी, बॉलीवुड के पहले ऐसे सितारे जिसने खुद का व्यवसाय शुरू किया था
मनोरंजन
1982 की फिल्म 'डिस्को डांसर' के बाद मिथुन दा एक अंतरराष्ट्रीय स्टार बन चुके थे
एक ऐसा स्टार जो नृत्य तो करता ही है, साथ ही अपनी मां के अपमान का भी बदला लेता है। उनकी इसी छवि को बाद की कई फिल्मों में निर्माता और निर्देशकों ने भुनाया। 1984 की "कसम पैदा करने वाले की" भी कुछ ऐसी ही फिल्म थी। इस फिल्म में भी मिथुन दा अपने बाप की मौत का बदला लेते हैं और अपनी मां की कसम को पूरा करते हैं।
इस फिल्म में अमरीश पुरी एक ऐसे विलेन बने हैं, जिनको देखते ही उनसे नफरत हो जाती है। ये अमरीश पुरी की कला का अद्भुत नमूना था कि वो सचमुच के विलेन लगते हैं। नहीं तो आजकल के विलेन तो बिल्कुल भी खौफ उत्पन्न नहीं कर पाते। खैर,
मिथुन दा को देखकर लगता है कि वे गरीबों को इंसाफ दिलवाएंगे। एक गरीबी से निकले हुए नायक की भुमिका उनसे बेहतर कोई कर ही नहीं सकता। मिथुन दा की लगभग सभी फिल्में सुपरहिट रही थी। 'दलाल' मिथुन की आख़री बड़ी फ़िल्म थी, जिसने सबसे ज्यादा बिज़नेस किया।
दलाल के बाद मिथुन की कोई फ़िल्म ऐसा करिश्मा नही कर सकी, जो पहले किया करती थी। ये एक विवादास्पद फ़िल्म भी थी। 29 अक्टूबर 1993 में फ़िल्म को रिलीज किया गया था। फ़िल्म को प्रोडूस किया था प्रकाश मेहरा ने, जो अक्सर अमिताभ को लेकिन फ़िल्म बनाते थेl
फ़िल्म को डायरेक्ट किया था पार्थो घोष ने। जो इससे पहले माधुरी दीक्षित को लेकर 100 डेज जैसी सुपर हिट फ़िल्म बना चुके थे और
फ़िल्म का संगीत तैयार किया था बप्पी लहरी ने। फ़िल्म मिथुन चक्रवर्ती, आयशा जुलका, राज बब्बर, टीनू आंनद और शक्ति कपूर जैसे कलाकारों से सजी थी। फ़िल्म में मिथुन का काम शानदार था, लेकिन फ़िल्म के रिलीज होते ही एक विवाद हो गया था। नायिका आयशा जुल्का को एक सीन में टॉपलेस दिखाया गया था जो की उसकी बॉडी डबल से करवाया गया था।
इस बात की जानकारी आयशा जुल्का को नहीं थी, जिसके कारण आयशा ने प्रकाश मेहरा और पार्थो घोष के खिलाफ केस कर दिया था। बाद मे मामला निपट गया। एक बात और थी, इस फिल्म के दौरान मिथुन और आयशा का अफेयर हो गया था। आयशा मिथुन से शादी करना चाहती थी।
दोनों अक्सर काफ़ी समय एक साथ गुजारते थे। लेकिन मिथुन पहले से ही शादीशुदा थे। इसके बावजूद मिथुन और आयशा ने 'मेहरबान' 'सूरज' 'हिम्मतवाला' आदि कई फिल्मों में एक साथ काम किया। उनके हर फिल्म के गीत संगीत सुपर डुपर हिट होते थे।
मिथुन की हर फिल्में बॉक्स ऑफिस में अच्छी कमाई कर लेती थी।
सभी शो हॉउसफुल हुआ करती थी।
मिथुन की ऊटी शिफ्ट होने के पीछे कई कहानियाँ हैं। पता नही ये सच है या झूठ है, इसकी मैं पुष्टि नही करता। लेकिन मैंने कई साल पहले कहीं पढ़ा था की मिथुन को मन्दाकिनी के चलते 90s की शुरुवात में अंदरवर्ल्ड से धमकी मिली थीl जिससे मिथुन थोड़ा डर गए थे और उन्होंने अपना मन फ़िल्म ना करने का बना लिया था। मिथुन ने होटल बिज़नेस की सोची। चूंकि ऊटी एक बहुत अच्छी जगह थी, सो वहीं उन्होंने अपना होटल बना लिया।
बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती बॉलीवुड के पहले ऐसे सितारे थे, जिन्होंने खुद का अपना व्यवसाय शुरू किया था। मिथुन सभी प्रोड्यूसर या डायरेक्टर को ऊटी बुलाते थे और शूटिंग लोकेशन के लिए अपने होटल सस्ते में किराए पर देते थे। बाद में उन्होंने छोटे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के लिए अपनी अलग ही इंड्रस्टी बना ली और कम बजट की फिल्में करना शुरू कर दिया।
फिर एक नए युग की शुरूआत हुई "ऊटी ड्रीम्स फैक्ट्री" की और फूल और अंगार पहली फ़िल्म थी, जो ऊटी ड्रीम्स फैक्ट्री से आई। 10 फ़रवरी 1993 को ये फ़िल्म रिलीज हुई। इसको प्रोडूस किया था सलीम अख्तर ने और डायरेक्ट किया था अशोक गायकवाड़ ने। म्यूजिक था अनु मलिक का और लिखा था एन चंद्रा ने।
फ़िल्म के मुख्य कलाकार थे मिथुन, शांति प्रिया, परेश रावल, गुलशन ग्रोवर, राजा मुराद, प्रेम चोपडा, अरुणा इरानी, लक्ष्मी कान्त बेर्डे। इस फ़िल्म को पहले "शेर" टाइटल के साथ रिलीज करना था, बाद मे इसको बदल कर फूल और अंगार कर दिया गया। फ़िल्म का म्यूजिक सुपर डुपर हिट था। गाने, जैसे हम तेरी मोहब्बत में, चोरी चोरी दिल तेरा चुराएंगे, मुझको पीना है पीने दो,
आज भी सुने जाते हैं। गाने उस समय चार्ट बस्टर थे।
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