साहिबगंज में बनेगा क्रिटिकल केयर अस्पताल, बीस करोड़ रुपए की आएगी लागत


संजय कुमार धीरज,

साहिबगंज : – सदर अस्पताल में स्थित आरटीपीसीआर लैब के सामने खाली पड़ी जमीन पर बीस करोड़ की लागत से पचास बेड का क्रिटिकल केयर अस्पताल का निर्माण होने जा रहा है। पिछले दिनों अस्पताल बनाने वाली कंपनी की टीम अस्पताल पहुंचकर जमीन की मापी भी की।

साहिबगंज में बनेगा क्रिटिकल केयर अस्पताल, बीस करोड़ रुपए की आएगी लागत

 मौके पर सिविल सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार भी इस दौरान मौजूद थे। सीएस ने क्रिटिकल केयर अस्पताल को वर्तमान अस्पताल के भवन से जोड़ने को कहा है, ताकि अस्पताल में भर्ती मरीज को इस क्रिटिकल केयर अस्पताल के ऊपरी मंजिलों में शिफ्ट किया जा सके। दो लिफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

 यह अस्पताल ग्राउंड से पांच तल्ला होगा। अस्पताल को बनाने की जिम्मेदारी पटना के एमएस आशीष रंजन कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है। बता दें कि इस कंपनी का एक कार्यालय राजधानी रांची में भी है। अठारह माह में बनकर तैयार होनेवाले इस अस्पताल का निर्माण कार्य इसी महीने से शुरू होगी। जून 2025 तक इस अस्पताल को पूर्ण करके विभाग को हैंडओवर करने की योजना बनाई गई है। यह अस्पताल तीस मीटर चौड़ा और सत्रह मीटर लंबा होगा।

क्या है क्रिटिकल केयर अस्पताल : – क्रिटिकल केयर अस्पताल में जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है। सड़क दुर्घटनाओं, दिल का दौरा, किडनी संबंधी गंभीर बीमारियों, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर, गंभीर संक्रमण सहित हड्डियों और अन्य आंतरिक अंगों सहित शरीर में कई चोटें आती हैं, जो ज्यादातर समय घातक और जानलेवा साबित होती हैं।

 इसके अलावा कई बार गंभीर परिस्थियां एक साथ कई समस्याओं को जन्म देती हैं। गंभीर संक्रमण, हृदय, गुर्दे और फेफड़ों के कार्यों के बीच असंतुलन पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति में विफल हो रहे अंग और शरीर को कृत्रिम मशीनों द्वारा सहारा दिया जा सकता है। गंभीर मरीजों के देखभाल के लिए मेडिकल विशेषज्ञों की टीम गहन देखभाल इकाइयों में काम करते हैं तथा रोगियों की निगरानी और देखभाल विशेष रूप से करते हैं।

मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं :– अपनी प्राथमिक विशेषता के अलावा ये चिकित्सक अनियमित श्वसन, हृदय, चयापचय, मस्तिष्क, वृक्क और अन्य समस्याओं के प्रबंधन के साथ-साथ संक्रमण से निपटने के लिए वे अपने विस्तारित प्रशिक्षण के अनुभव का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करते हैं।

 चिकित्सक महत्वपूर्ण देखभाल, विशेषज्ञ कम्प्यूटरीकृत रोगी निगरानी और डेटा प्रबंधन प्रणाली, हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग, वेंटिलेटर प्रबंधन और बेडसाइड अल्ट्रासाउंड का उपयोग करते हैं, ताकि रोगी के शारीरिक परिवर्तनों का तेजी से पता लगाया जा सके। इससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 


बीस करोड़ रुपए की आएगी लागत : – हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-26 के बीच राज्य में कुल 22 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक हॉस्पिटल का निर्माण किया जाना है। योजना के तहत 2022-23 से 2023-24 के दौरान साहिबगंज जिले में 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक हॉस्पिटल के भवन निर्माण सहित आवश्यक संसाधनों पर खर्च करने की योजना है।

 इस योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीस करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना शुरू की गई है। इसकी अवधि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक है। कुल 2347 करोड़ की राशि से झारखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने की योजना है, इसमें साहिबगंज जिला को भी शामिल किया गया है। 


अस्पताल में क्या होंगी सुविधाएं : -


क्रिटिकल केयर ब्लॉक

मेडिकल गैस पाइपलाइन

मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर

माइनर ऑपरेशन थियेटर

केंद्रीय बंध्याकरण प्रणाली

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