साहित्य सेवा का अविस्मरणीय संस्मरण, साहित्यिक कार्यक्रम ने बांधा शमां


साहिबगंज :– देहरादून (उत्तराखंड) के अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक मंच “जिया हिंदवाल गीत“ द्वारा संस्थापित ’साहित्य दरबार एक अविस्मरणीय सफर' साहित्यिक संस्था के तहत् झारखंड के साहिबगंज से कवि प्रोफेसर सुबोध कुमार झा की अध्यक्षता में आनलाइन कवि सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित की गई, जो देर रात तक चली।

साहित्य सेवा का अविस्मरणीय संस्मरण, साहित्यिक कार्यक्रम ने बांधा शमां

बताते चलें कि “जिया हिंदवाल गीत" के नेतृत्व में अक्सर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकारों के साथ कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में गुरूवार को आभासी माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में झांसी (उत्तर प्रदेश) के सुप्रसिद्ध कवि पंकज कुमार खरे का मंत्रमुग्ध करने वाला संचालन आकर्षण का केंद्र रहा।

रायपुर (छत्तीसगढ़) की सुप्रसिद्ध कवयित्री ममता खरे के मधुर कंठ से मां वाणी की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तत्पश्चात बारी बारी से सम्मानित अतिथियों ने अपने अंदाज में काव्य पाठ कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सर्वप्रथम गोरखपुर की डाक्टर सरिता सिंह ने अपने अंदाज में ग़ज़ल गा कर सबको प्रभावित किया। 

नागपुर (महाराष्ट्र) के सुप्रसिद्ध कवयित्री अनिता नायर के शब्द संयोजन ने साहित्य सुधी जनों का मन मोह लिया। जब बारी आई ममता खरे की तो फिर क्या कहने? अपने मधुर संगीत का उन्होंने खुब परिचय दिया। प्रखर साहित्यवेत्ता सह संचालन शैली के सिरमौर पंकज कुमार खरे का शब्द विन्यास 

तथा युपी (बागपत) के प्रख्यात कवि कार्यक्रम संयोजक कवि श्रीपाल शर्मा के शब्द संयोजन अद्भुत व अद्वितीय थे। अंतिम प्रस्तुति सह अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. सुबोध कुमार झा ने साहित्यिक मंच के दोनों पार उपस्थित समस्त सम्माननीय साहित्य सुधी जनों का आभार व्यक्त करते हुए मंच पर प्रस्तुति देने वाले सभी साहित्यकारों की अपनी लच्छेदार भाषा में समीक्षा की और फिर मुक्तक व गजल गायिकी में अपनी प्रस्तुति से शमा बांध दिया।

By: Sanjay Kumar Dhiraj

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