बांग्लादेशी घुसपैठ मुद्दे पर हाई कोर्ट का आया आदेश


चुनाव आयोग के आदेशानुसार चलाया जा रहा है विशेष अभियान

बांग्लादेशी घुसपैठ मुद्दे पर हाई कोर्ट का आया आदेश

साहिबगंज : झारखंड के बंगाल की सीमा से सटे साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट और चुनाव आयोग के आदेशानुसार विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले घुसपैठियों की पहचान करके और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले दिनों जिला प्रशासन ने साहिबगंज के चार प्रखंडों के चालीस गांवों में घर–घर जाकर सर्वे करने का निर्णय लिया था। इस सर्वे के तहत बारह सौ घरों की जांच कि जानी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस सर्वे पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इसके बजाय अब मतदाता सूची की जांच कर घुसपैठियों की पहचान करने की योजना बनाई गई है।


क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, किसी भी गांव में सरकारी स्तर पर सर्वे नहीं किया जा सकता है। अगर किसी गांव में किसी प्रकार की संदेहास्पद गतिविधि होती है तो उसकी जांच कोर्ट के निर्देशानुसार की जाएगी। इसी बात को लेकर जिला प्रशासन ने मतदाता सूची की जांच को प्रथनिकता दी है।

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर राजमहल विधानसभा क्षेत्र के बीस मतदान केंद्रों पर विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। इन केन्द्रों में पिछले पांच वर्षों में साढ़े तीन सौ से अधिक मतदाताओं की वृद्धि हुई है।

इन क्षेत्रों में राजमहल विधानसभा क्षेत्र के बीस मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया है, जिनमें एक मतदान केन्द्र राजमहल प्रखंड के अंतर्गत, जबकि उन्नीस मतदान केन्द्र उधवा प्रखंड के अंतर्गत आते हैं।


क्या है उद्देश्य और प्रशासन की तैयारियां?

मतदाता सूची की जांच का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है, जिन्होंने अवैद्य रूप से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराया है। चुनाव आयोग ने जिला और प्रखंड निर्वाचन अधिकरियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच करें और संदेहास्पद मतदाताओं की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करे।

जिला प्रशासन ने इस अभियान के लिए विशेष टीमें गठित कर दी है। इन टीमों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है। जांच के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।


क्या है विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैद्य रूप से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले घूसौठियों की पहचान करना और उन्हें वापस उनके देश वापस भेजना है। इसके अलावा इस अभियान के माध्यम से मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को भी सुनिश्चित करना है।

वहीं, इस अभियान को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इस अभियान का समर्थन किया है और कहा है कि यह कदम राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए आवश्यक है।

वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस अभियान का समर्थन किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया में किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। हिंदू धर्म रक्षा मंच ने भी हाई कोर्ट और निर्वाचन आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है।

संजय कुमार धीरज की विशेष रिपोर्ट

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