मात्र 340 रुपये के विवाद में योग शिक्षक को उतारा मौत के घाट


मात्र 340 रुपये के विवाद में योग शिक्षक को उतारा मौत के घाट, एक कागज पर कातिल का नाम और बकाया लिखकर दुनिया छोड़ गए प्रमोद


मात्र 340 रुपये के विवाद में योग शिक्षक को उतारा मौत के घाट, एक कागज पर कातिल का नाम और बकाया लिखकर दुनिया छोड़ गए प्रमोद

पाकुड़ :– जिले के आमड़ापाड़ा में मंगलवार को थाना क्षेत्र अंतर्गत पचुवाड़ा मोड़ में मात्र 340 रुपये बकाया को लेकर 32 वर्षीय योग शिक्षक प्रमोद कुमार भगत की हत्या कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।    

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दोपहर करीब 1:30 बजे भीषण बारिश के बीच पचुवाड़ा के रांगा टोला निवासी जयराम तुरी प्रमोद के नास्ते की दुकान में चावल लेने आया। प्रमोद ने जयराम से पुराना 340 रुपये बकाये की मांग की।

इस मामूली बात पर जयराम ने प्रमोद को उसके दुकान में ही चाकू से जोरदार वार कर उसे घायल कर मौके से फरार हो गया।प्रमोद को चाकू लगते ही उसने जोर-जोर से चाकू-चाकू चिल्लाया। प्रमोद के चिल्लाते ही उसके स्टाफ ने समझा शायद प्रमोद चाकू मांग रहा है।

प्रमोद ने घायल अवस्था में ही एक कागज में जयराम का नाम और 340 रुपये बकाया लिख दिया। आनन–फानन में प्रमोद को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से आक्रोशित परिजनों ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कोयला डंपरों को जाम कर दिया है।

मृदुभाषी और हरदिल अजीज के तौर पर प्रमोद को जाना जाता था। तीन भाइयों में सबसे छोटा प्रमोद उर्फ मुन्ना लोगों के बीच योग शिक्षक के साथ मृदुभाषी के रूप में विख्यात था। कुछ वर्ष पूर्व प्रमोद गृह त्याग कर बाबा रामदेव के शरण में चला गया और आजीवन कुंवारा रहकर लोगों की सेवा का संकल्प लिया।

हरिद्वार से योग सीख कर आने के बाद प्रमोद अमड़ापाड़ा व आसपास के क्षेत्रों में मुफ्त में योग सिखाता था। प्रमोद ने एक गौशाला खोलकर गौ की सेवा की और लोगों को शुद्ध दूध मुहैया कराया। ठंडियों में लोगों से पुराने कपड़े जमा कर उसे गरीबों को वितरण करना, बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना, नशामुक्ति के लिए लोगों को प्रेरित करने जैसे दर्जनों समाजसेवी कार्य प्रमोद द्वारा किया जाता था।

आजीविका चलाने के लिए तकरीबन 2 साल पहले उसने पचुवाड़ा मोड़ में एक नास्ते की दुकान खोली और इससे होने वाले आमदनी को भी वह लोगों की सेवा में ही लगाता था। डंपर चालकों को गुटखा आदि न खाने की सलाह देता था। प्रमोद के हत्या से अमड़ापाड़ा और उसके पैतृक गांव कुश्चिरा समेत आसपास के लोगों में भारी रोष है। इधर पुलिस हत्यारे की खोजबीन के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।

By: Sanjay Kumar Dhiraj

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