निर्मल कुमार दे की कविता : हौसले पर भरोसा
निर्मल कुमार दे की कविता : हौसले पर भरोसा
सारा आकाश तुम्हारा है,
अपने हौसले पर भरोसा रख।
लक्ष्य रहे हिमालय- सा ऊँचा,
हिम्मत कभी हारना नहीं
जीत तुम्हारी निश्चित है।
प्रयास में रहे न कमी
इसका ध्यान रखना है,
असीम को नापना है तुम्हें,
सारा आकाश तुम्हारा है।
धूप हो बारिश हो
शीत हो या बसन्त,
अविराम चलना है
मंजिल से पहले
नहीं लेना विश्राम है।
तुम अजेय तुम निडर,
मुसीबतों से लड़ना है
जीत होगी तुम्हारी
मैदान नहीं छोड़ना है।
अपने हौसले पर भरोसा रख
सारा आकाश तुम्हारा है।
निर्मल कुमार दे
साहिबगंज
झारखंड
साहिबगंज
झारखंड
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