साहिबगंज का कन्हैयास्थान: श्रीकृष्ण और राधा-रानी का गुप्त वृंदावन, जहाँ आज भी बसता है...
साहिबगंज का कन्हैयास्थान: श्रीकृष्ण और राधा-रानी का गुप्त वृंदावन, जहाँ आज भी बसता है भक्ति का अद्भुत संसा
साहिबगंज: गंगा नदी के पावन तट पर, राजमहल से लगभग 13 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है कन्हैयास्थान—एक ऐसा पौराणिक स्थल, जिसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा-रानी का गुप्त वृंदावन माना जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में शरद पूर्णिमा की रात महारास के दौरान भगवान कृष्ण और राधा-रानी कुछ समय के लिए अंतर्ध्यान होकर यहाँ प्रकट हुए थे।
कहा जाता है कि बंगाल से वृंदावन की यात्रा पर निकले चैतन्य महाप्रभु भी यहाँ रुके थे और उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन हुए थे। आज भी मंदिर परिसर में उनके पदचिह्न सुरक्षित हैं।
कन्हैयास्थान का मुख्य आकर्षण है इस्कॉन द्वारा निर्मित भव्य मंदिर, जिसके शिखर से माँ गंगा का अनुपम दृश्य देखने को मिलता है। मंदिर की शांति और यहाँ बहती गंगा की ठंडी हवाएँ पर्यटकों व श्रद्धालुओं के मन को शांति और आध्यात्मिक सुकून प्रदान करती हैं।
इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त अतिथि गृह की व्यवस्था की गई है। यहाँ न्यूनतम शुल्क पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। प्रतिदिन संध्या आरती के दौरान भक्तों को खीर का भोग और प्रसाद भी वितरित किया जाता है।
कन्हैयास्थान के आसपास तेलियागढ़ी, सिंधीदालान, मंगलहाट, बारहद्वारि और जामा मस्जिद जैसे अन्य प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल भी स्थित हैं, जो इसे पर्यटन और अध्यात्म का अद्वितीय संगम बनाते हैं।
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