महाकाल की महिमा पर समर्पित एक भक्तिमय कविता, "कृपा करो हे भोलेनाथ"
कृपा करो हे भोलेनाथ
जय शिव शंकर-त्रिनेत्र धारी,
काल के भी काल तुम्हीं-महाकाल अधिकारी।
भूत भावन, करुणा सिंधु, रूद्र रूप विराट,
दुष्टों का संहार करे, करें धर्म की बात।
तांडव से जग थर्राए जब क्रोध में तुम आ जाते हो,
पापियों का नाश कर फिर से धर्म जगाते हो।
कैलासपति-कृपा निधान
हर दिल में तुम समाए हो,
हर हर महादेव के स्वर से सृष्टि भर में छाए हो।
सावन में हर सोमवार शिवलिंग पर जल चढ़ाया,
भक्तों ने भक्ति से सारा ब्रह्मांड झुकाया।
ॐ नमःशिवाय की गूँज हर कोने में फैल रही,
शिव की कृपा से जीवन में आशा फिर से खेल रही।
हे मेरे शिव-मेरे पिता-मेरे जीवन के सार,
आपकी भक्ति में मिल जाए यह सारा संसार।
कृपा करो हे भोलेनाथ बस इतना दो वरदान,
भारतवर्ष पर बनी रहे सदा आपकी कृपा महान।
कवयित्री: संजना कुमारी | साहिबगंज न्यूज डेस्क
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