संस्कृत हमारी संस्कृति का मूल आधार है: हिन्दू धर्म रक्षा मंच
साहिबगंज, 9 अगस्त: संस्कृत दिवस के पावन अवसर पर हिंदू धर्म रक्षा मंच के प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो ने कहा कि संस्कृत हमारी संस्कृति की जड़ है और इसके बिना मानव जीवन सुसंस्कृत नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि नागपुरी, खोरठा सहित झारखंड की अधिकांश भाषाओं में संस्कृत शब्द रचे-बसे हैं। हमारे जीवन के सभी संस्कारों के मूल में संस्कृत का समावेश है, इसलिए इसके उत्थान के लिए समाज को समर्पित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब तक संस्कृत हमारे संस्कारों की संवाहक बनी रहेगी, तब तक संस्कृति हमारे जीवन में जीवंत रहेगी। समाज के उत्थान और भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए संस्कृत को अपनाना आवश्यक है।
हिंदू धर्म रक्षा मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष संत कुमार घोष ने कहा कि संस्कृत में संपूर्ण शास्त्र, ज्ञान-विज्ञान निहित हैं। यह हमारी वाणी को संस्कारित करती है और हमें अपनी संस्कृति को गहराई से जानने का अवसर देती है।
0 Response to "संस्कृत हमारी संस्कृति का मूल आधार है: हिन्दू धर्म रक्षा मंच"
Post a Comment