साहिबगंज के बदहाल सड़कों के जख्मों को सरकारी मरहम की प्रतीक्षा
बदहाल सड़कों के जख्मों को सरकारी मरहम की प्रतिक्षा, 'कुपोषण' युक्त सड़कों को अब "पोषण" की जरूरत
साहिबगंज : सड़कों को प्रगति का वाहक माना जाता है, लेकिन साहिबगंज जिला के प्रायः हर क्षेत्र में सड़कों की दुर्गति कुछ ऐसी है कि हर तरफ आवागमन करने पर लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश की विदाई लगभग हो चुकी है और ऐसे में अब जरूरत महसूस की जा रही है कि इन सड़कों पर सरकारी मरहम लगाने का काम कब तक होगा। शहर क्षेत्र में ही हर तरफ की सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं।
स्टेशन चौक से लेकर पूर्वी और पश्चिमी फाटक, चौक बाजार से महादेवगंज वाली सड़क, जिरवाबाड़ी चौक से मदनसाही से लेकर सकरीगली तथा महाराजपुर मार्ग पर तस्वीर लगभग एक जैसी ही है। बोरियो, बांझी, बरहेट की सड़कों का भी यही हाल है।
इन मार्ग पर छोटे-बड़े गड्ढों की उपस्थिति के कारण आम लोगों के साथ-साथ वाहनों को भी चलने में मुश्किल पेश आ रही है। बारिश के पहले से ही सभी रास्ते समस्या ग्रस्त थे और बाकी कसर बारिश के मौसम में पूरी हो गई। चाह कर भी इस स्थिति में सुधार करना संभव नहीं हुआ।
बदहाली के द्वार में लगातार वाहनों के दबाव में इन सड़कों की और भी ज्यादा दुर्गति कर दी। अब जबकि बारिश की विदाई लगभग हो चुकी है, तब इन्हीं रास्तों पर वायु प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है। वाहनों के चलने के दौरान यहां की सड़कों पर उड़ने वाला धूल का गुबार लोगों को परेशान कर रहा है।
लगातार इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं और कई बार गुबार उड़ने के चक्कर में हादसे हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने इस इलाके से आने-जाने के दौरान इन तस्वीरों को देखा भी है और परेशानी को महसूस भी किया है।
इन सब के बावजूद समस्या यथावत बनी हुई है। वर्तमान में आवश्यकता महसूस की जा रही है कि जितनी जल्द हो सके इन सड़कों के जख्मों को ठीक करने के लिए मरहम की व्यवस्था हो, ताकि प्रतिदिन आवागमन करने वाले हजारों लोगों को राहत मिल सके। कुल मिलाकर कहें तो 'कुपोषण' युक्त सड़कों को अब "पोषण" की जरूरत है।
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