पूजा पंडालों के निर्माण हेतु अग्निशमन विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश
पूजा पंडालों के निर्माण हेतु अग्निशमन विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश, सभी समितियों को निर्देशों का पालन करना अनिवार्य, अन्यथा हो सकता है लाइसेंस रद्द
साहिबगंज : जिले में दुर्गा पूजा के त्यौहार के दौरान पंडालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला अग्निशमन विभाग ने समितियों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य पूजा पंडालों में आग लगने जैसी घटनाओं को रोकना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इस संबंध में जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि किसी भी पंडाल की ऊंचाई इतनी होनी चाहिए कि बड़े वाहन आसानी से प्रवेश कर सकें और आवागमन में बाधाएं न उत्पन्न हों। पंडाल सिंथेटिक कपड़ों से नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे आग पकड़ने की आशंका अधिक होती है।
पंडाल के आस-पास बिछाए जाने वाले बिजली के तार रास्ते में नहीं लटकने चाहिए और उन्हें रस्सी के सहारे बांधकर नियंत्रित करना अनिवार्य है। पंडाल के दोनों तरफ पानी और कुछ बोरी बालू भरकर रखना जरूरी है, ताकि आग पकड़ने की स्थिति पर इसका उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जा सके।
अग्निशमन पदाधिकारी ने आगे बताया कि प्रत्येक पंडाल में एबीसी टाइप फायर एक्सटिंग्विशर (06 केजी), Co2 टाइप फायर एक्सटिंग्विशर (04 केजी), वाटर Co2 टाइप फायर एक्सटिंग्विशर (09 केजी), फायर बेकर बालू एवं पानी युक्त ब्लैंकेट की व्यवस्था अनिवार्य है।
पंडाल में निगरानी कमेटी के सदस्यों का फोन नंबर और एक विशेष बैच या बिल्ला लगा होना चाहिए, जिससे अग्निशमन विभाग के कर्मी जरूरत पड़ने पर उन सदस्यों की मदद ले सकें। साथ ही। पंडाल के सामने दीवार पर मोटे अक्षरों में अग्निशमन विभाग कार्यालय का नंबर एवं 112 अंकित करना अनिवार्य है।
यदि कोई पूजा कमेटी इन नियमों और निर्देशों का पालन नहीं करती है और कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो इसके लिए पूजा कमेटी के अध्यक्ष, सचिव व मुख्य सदस्य जिम्मेदार होंगे और उनसे पूछताछ की जाएगी और समिति का लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
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